महिला इंजीनियरों के लिए टाटा स्टील का बड़ा कदम: ‘वीमेन ऑफ मेटल’ सीज़न 8 के विजेता घोषित!
टाटा स्टील के ‘वीमेन ऑफ मेटल’ सीज़न 8 ने महिला इंजीनियरों के लिए नए अवसरों के द्वार खोले। जानें, कौन बना इस अनोखे कार्यक्रम का विजेता और क्या हैं इसके लाभ।
टाटा स्टील ने महिला इंजीनियरों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने अनूठे कार्यक्रम ‘वीमेन ऑफ मेटल’ सीज़न 8 के विजेताओं की घोषणा कर दी है। यह घोषणा 18 सितंबर 2024 को जमशेदपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में की गई। इस कार्यक्रम में देशभर के 55 से अधिक प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों की 3,400 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। यह संख्या पिछले सीज़न से 18% अधिक है।
इस बार के फिनाले में एनआईटी राउरकेला की स्वश्रिता सेनापति विजेता बनीं। वहीं, एनआईटी जमशेदपुर की मुस्कान कुमारी ने पहला रनर-अप स्थान हासिल किया। आईएसएम धनबाद की मेघा मित्रा ने दूसरा रनर-अप का स्थान पाया।
‘वीमेन ऑफ मेटल’ सीज़न 8 के इस निर्णय को टाटा स्टील की तीन सदस्यीय जूरी ने मिलकर लिया। इस जूरी में राजीव मंगल (वाइस प्रेसिडेंट, सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी), संजय राजोरिया (जेनरल मैनेजर, झरिया डिवीजन) और अनुराग सक्सेना (चीफ, इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस) शामिल थे।
राजीव मंगल ने इस मौके पर कहा, "मैं सभी विजेताओं को बधाई देता हूँ। यह कार्यक्रम न केवल टाटा स्टील का प्रमुख आयोजन बन चुका है, बल्कि देश की बेहतरीन महिला इंजीनियरों को मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया से जोड़ने का बेहतरीन मंच है।"
टाटा स्टील की यह पहल महिलाओं को औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर अवसर देने के लिए है। इस प्रतियोगिता में शामिल छात्राओं ने मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, मेटलर्जी, और माइनिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता दिखाई।
छात्राओं ने डेढ़ महीने तक टाटा स्टील के अनुभवी मेंटर्स के साथ काम किया। इस दौरान उनके प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया गया। टॉप 10 टीमों को ग्रैंड फिनाले में जगह मिली। इन टीमों को 2,00,000 रुपये की छात्रवृत्ति और टाटा स्टील में करियर के सुनहरे अवसर मिले।
इसके अलावा, अन्य प्रतिभागियों को भी योग्यता के आधार पर समर इंटर्नशिप और प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू का अवसर दिया गया।
टाटा स्टील न केवल ‘वीमेन ऑफ मेटल’ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अन्य पहल जैसे ‘क्वीरियस’ (LGBTQIA+ समुदाय के लिए) और ‘अनंता क्वेस्ट’ (दिव्यांग व्यक्तियों के लिए) के माध्यम से भी विविधता और समावेशिता को मजबूत कर रहा है।
यह कार्यक्रम भारत के युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करने के साथ ही उन्हें तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करता है।
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