Jamshedpur Village: करनडीह ग्राम पंचायत ने पुनर्वास की मांग को लेकर प्रशासन से लगाई गुहार, बच्चों के भविष्य को बचाने की अपील!

जमशेदपुर के करनडीह ग्राम पंचायत ने पुनर्वास की मांग को लेकर प्रशासन से अपील की। 20 जनवरी को रेलवे द्वारा नोटिस जारी करने के बाद, ग्रामवासियों ने बच्चों की पढ़ाई को सुरक्षित रखने की अपील की।

Jan 28, 2025 - 16:36
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Jamshedpur Village: करनडीह ग्राम पंचायत ने पुनर्वास की मांग को लेकर प्रशासन से लगाई गुहार, बच्चों के भविष्य को बचाने की अपील!
Jamshedpur Village: करनडीह ग्राम पंचायत ने पुनर्वास की मांग को लेकर प्रशासन से लगाई गुहार, बच्चों के भविष्य को बचाने की अपील!

जमशेदपुर: करनडीह ग्राम पंचायत में 26 जनवरी 2025 को एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायत के मुखिया सरखती टुबू की अध्यक्षता में क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की गई। यह सभा खासतौर पर उन परिवारों के लिए आयोजित की गई थी, जिन्हें दक्षिण-पूर्व रेलवे द्वारा 20 जनवरी 2025 को नोटिस जारी कर अपने घरों को खाली करने का आदेश दिया गया था।

रेलवे की नोटिस और परिवारों की चिंता:

दक्षिण-पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अभियंता (कार्य) द्वारा जारी किए गए नोटिस ने क्षेत्र के कई परिवारों को चिंतित कर दिया है। नोटिस में यह स्पष्ट किया गया कि उन्हें निर्धारित क्षेत्र खाली करना होगा, लेकिन इस आदेश के साथ कोई वैकल्पिक आवास की व्यवस्था नहीं दी गई थी। इससे प्रभावित परिवारों में घबराहट फैल गई, क्योंकि उन्हें इस बदलाव से कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

ग्राम पंचायत की विशेष बैठक:

ग्राम पंचायत ने अपनी बैठक में यह फैसला लिया कि इन परिवारों को उजाड़ने से पहले उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए। पंचायत ने प्रशासन से इस कार्रवाई को तत्काल रोकने की अपील की और कहा कि जब तक इन परिवारों को वैकल्पिक आवास नहीं मिल जाता, तब तक यह प्रक्रिया स्थगित रखी जाए। पंचायत का कहना है कि फरवरी और मार्च में आने वाली माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाएं इन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और यदि इस समय में इन परिवारों को उजाड़ा जाता है तो उनकी पढ़ाई और परीक्षा प्रभावित हो सकती है।

बच्चों के भविष्य को बचाने की अपील:

ग्रामसभा में मौजूद लोगों ने प्रशासन से अपील की कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस कार्रवाई को कुछ महीनों के लिए टाल दिया जाए। पंचायत के सदस्य और ग्रामीणों का कहना है कि यह फैसला उनकी भावी पीढ़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके शैक्षिक भविष्य पर कोई असर न पड़े।

सामाजिक अशांति का खतरा:

ग्राम सभा के सदस्य और ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो इससे सामाजिक अशांति फैल सकती है। उनका कहना था कि किसी भी स्थिति में लोगों की आजीविका और बच्चों के शैक्षिक भविष्य से समझौता नहीं किया जा सकता।

ग्राम पंचायत ने इस मुद्दे पर जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों से संवेदनशीलता दिखाने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि यह समय समाज के हित में एक स्थिर और संवेदनशील निर्णय लेने का है, ताकि भविष्य में कोई समस्या न आए।

इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा:

यह मुद्दा केवल आज के दिन की समस्या नहीं है, बल्कि यह कई सालों से उस क्षेत्र में बसी जनता के जीवन से जुड़ा हुआ है। रेलवे भूमि पर बसे परिवारों का पुनर्वास करना एक पुरानी समस्या है, जो हमेशा सरकारी अधिकारियों और प्रशासन के लिए चुनौती रही है। हर बार पुनर्वास की प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन और परिवारों के बीच मतभेद सामने आते हैं। इस बार, प्रशासन को यह समझना होगा कि इससे बच्चों का शैक्षिक भविष्य प्रभावित हो सकता है, जो देश की सामाजिक स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अधिकारियों से उम्मीद:

ग्राम पंचायत और क्षेत्र के लोग आशा करते हैं कि जिला प्रशासन और रेलवे विभाग उनके बच्चों के भविष्य को समझेंगे और इस समस्या का स्थायी हल निकालेगें। वे उम्मीद करते हैं कि प्रशासन सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाएगा और उचित समाधान निकालेगा।

करनडीह पंचायत का यह कदम सरकारी अधिकारियों को यह याद दिलाने के लिए है कि किसी भी निर्णय में सामाजिक संवेदनशीलता और भविष्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने अपने बच्चों के शैक्षिक भविष्य को बचाने के लिए प्रशासन से उचित कदम उठाने की उम्मीद जताई है।

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