Jamshedpur Environmental Awareness : ग्रेजुएट कॉलेज के एनएसएस यूनिट ने गोद लिए गांव प्रधानटोला में सात दिवसीय कैंप का शुभारंभ, छात्रों ने की समाजसेवा!
28 जनवरी 2025 को ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट ने प्रधानटोला गांव में सात दिवसीय कैंप का शुभारंभ किया। छात्रों ने गांव में सफाई और पौधारोपण किया।
जमशेदपुर: 28 जनवरी 2025 को ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के एनएसएस यूनिट 1 द्वारा प्रधानटोला गांव, परसुडीह में सात दिवसीय समाजसेवी कैंप का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या डॉ. अर्चना सिन्हा की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने एनएसएस वोलेंटियर्स को शुभकामनाएं दी और उन्हें समाजसेवा के लिए प्रेरित किया।
समाजसेवा की दिशा में कदम:
आज के दिन एनएसएस वोलेंटियर्स ने गांव के परसुडीह मिडिल स्कूल परिसर में साफ-सफाई की। साथ ही, पौधारोपण करके पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में भी अपना योगदान दिया। यह कार्यक्रम एक विशेष पहल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह छात्रों को न केवल सामाजिक कार्यों से जोड़ता है बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति भी जागरूक करता है।
एनएसएस यूनिट का महत्व:
एनएसएस (नेशनल सर्विस स्कीम) छात्रों को समाज सेवा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रमुख भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा मंच है जहां युवा छात्र समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं। ग्रेजुएट कॉलेज के एनएसएस यूनिट का यह कदम दिखाता है कि किस तरह छात्र-शक्ति का इस्तेमाल गांवों की समस्याओं को हल करने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा सकता है।
प्राचार्या डॉ. अर्चना सिन्हा का संदेश:
डॉ. अर्चना सिन्हा ने इस अवसर पर छात्रों को समाज सेवा के महत्व को समझाया और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने कार्यों से न केवल अपने गांव बल्कि समाज के प्रति भी जिम्मेदार बनें। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों में नेतृत्व क्षमता, सामाजिक दायित्व और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित होती है।
पौधारोपण और स्वच्छता अभियान:
आज के आयोजन का एक अहम हिस्सा था पौधारोपण और स्वच्छता अभियान। इस पहल के माध्यम से छात्रों ने न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया बल्कि यह भी बताया कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। वोलेंटियर्स ने शिक्षण संस्थान परिसर की सफाई की और साथ ही गांववासियों को भी अपने आस-पास सफाई रखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह के स्वच्छता अभियान से न केवल गांव बल्कि पूरे समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है।
इतिहास में इस प्रकार की पहल:
इतिहास में देखा गया है कि एनएसएस जैसे कार्यक्रमों ने युवाओं को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने में हमेशा मदद की है। यह कार्यक्रम भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होते हैं, जहां छात्रों को न केवल शारीरिक श्रम करना पड़ता है बल्कि वे मानसिक रूप से भी समाज की सेवा में समर्पित होते हैं। इस पहल के तहत छात्रों का सामाजिक जुड़ाव और उनकी नेतृत्व क्षमता का विकास होता है, जो उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।
परसुडीह में बदलाव की बयार:
प्रधानटोला गांव में एनएसएस के द्वारा यह पहला कदम नहीं है। पहले भी कई गांवों में एनएसएस के सात दिवसीय कैंप आयोजित किए जा चुके हैं, लेकिन इस बार प्रधानटोला में यह कदम बहुत ही महत्व रखता है, क्योंकि गांव में पर्यावरणीय सुधार के अलावा शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा, इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों के शैक्षिक भविष्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
सामाजिक जागरूकता का विस्तार:
ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर का एनएसएस यूनिट अब और भी ज्यादा सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए तत्पर है। वे गांववासियों को विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। यह पहल निश्चित रूप से प्रधानटोला के समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगी और छात्रों के समाज सेवा के प्रति समर्पण को भी बढ़ाएगी।
यह सात दिवसीय कैंप एक संकेत है कि समाज में बदलाव की शुरुआत छोटे कदमों से होती है। अगर युवा पीढ़ी अपनी जिम्मेदारी समझे और सकारात्मक कार्यों में भाग लें, तो समाज में बदलाव लाना संभव हो सकता है। इस कार्यक्रम से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि समाज में स्वच्छता, जागरूकता और समानता का संदेश भी जाएगा।
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