Seraikela Drowning: खरकई नदी में नहाने गए युवक की मिर्गी के दौरे से मौत
सरायकेला की खरकई नदी में नहाते वक्त युवक को मिर्गी का दौरा आने से डूबने की दर्दनाक घटना। भाजपा नेता और स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए रेस्क्यू किया।
सरायकेला : बुधवार तड़के सरायकेला की खरकई नदी में नहाने के दौरान 32 वर्षीय आशीष कमिला को मिर्गी का दौरा आया, जिससे वह नदी में डूब गया।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय भाजपा नेता सानंद कुमार आचार्य मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को जानकारी दी।
सरायकेला थाना पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से आशीष को नदी से बाहर निकाला और अस्पताल भेजा, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कैसे घटी घटना?
- नहाने गया था आशीष:
आशीष सुबह जगन्नाथपुर घाट के दक्षिणी छोर पर खरकई नदी में नहाने गया था। - मिर्गी का दौरा पड़ा:
नहाते वक्त अचानक उसे मिर्गी का दौरा आया, जिससे वह नदी में डूब गया। - स्थानीय लोगों की तत्परता:
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और भाजपा नेता ने पुलिस को सूचित किया।
युवक की पहचान और पारिवारिक स्थिति
- आशीष कमिला, पोस्ट ऑफिस रोड स्थित खोडरा साईं का निवासी था।
- वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था।
- घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है।
प्रशासन और नेता का सहयोग
- भाजपा नेता सानंद आचार्य:
उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुलिस और स्थानीय गोताखोरों की मदद से शव को रेस्क्यू कराया।- आचार्य ने मृतक के परिवार को आपदा प्रबंधन के तहत मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
- उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक चंपई सोरेन को घटना की जानकारी दी।
- सोरेन ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
खरकई नदी में घटनाओं का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब खरकई नदी में इस तरह की घटना हुई हो।
- पिछली घटनाएं:
- 2021 में, इसी नदी में एक किशोर डूब गया था।
- मछली पकड़ते वक्त कई ग्रामीणों को हादसों का सामना करना पड़ा है।
- सुरक्षा के अभाव:
इन घटनाओं के बावजूद नदी किनारे सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।
मिर्गी के मरीजों के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि मिर्गी के मरीजों को अकेले नदी, तालाब या स्विमिंग पूल में नहीं जाना चाहिए।
- खतरे के कारण:
पानी के संपर्क में आने से दौरे का खतरा बढ़ जाता है। - सावधानी:
परिवार को चाहिए कि वे मिर्गी से ग्रस्त सदस्य के साथ हमेशा किसी को साथ भेजें।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी किनारे सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की।
- स्थानीय निवासी का बयान:
"अगर नदी किनारे गश्त होती या कोई चेतावनी बोर्ड लगाए जाते, तो शायद ऐसी घटनाएं टाली जा सकती थीं।"
घटना से सबक
सरायकेला की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दर्दनाक है, बल्कि यह प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी भी है।
क्या प्रशासन अब खरकई नदी को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएगा?
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