रांची। झारखंड की राजधानी रांची में इस साल का सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव "आदिवासी युवा महोत्सव 2024" का आयोजन होने जा रहा है। इस महोत्सव को विशेष रूप से यादगार बनाने के लिए आदिवासी संस्कृति की सशक्त प्रतिनिधि, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की को इसका ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। महोत्सव का आयोजन 14 और 15 दिसंबर को रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिससे कार्यक्रम की महत्ता और बढ़ जाएगी।
आदिवासी संस्कृति का अनोखा संगम
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं को अपनी भाषा, संस्कृति, जीवनशैली और प्रकृति प्रेम के प्रति जागरूक करना है। झारखंड की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को संजोने और प्रस्तुत करने का यह मंच आदिवासी और आधुनिक कलाओं का मेल कराएगा। इस साल महोत्सव में 33 आदिवासी समुदाय अपनी सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें पारंपरिक नृत्य, गीत और भोजन प्रमुख होंगे।
महोत्सव की प्रमुख गतिविधियां
इस महोत्सव में भाग लेने वाले समुदाय न केवल अपनी संस्कृति को प्रस्तुत करेंगे, बल्कि कई अन्य गतिविधियों में भी भाग लेंगे। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख आकर्षणों में पारंपरिक नृत्य, गीत, आदिवासी उद्यमियों का मेला, पैनल चर्चा, और करियर परामर्श शामिल हैं। साथ ही, रॉक बैंड शो, फैशन शो, और सामाजिक मुद्दों पर आधारित नाटक भी होंगे, जो दर्शकों को भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ेंगे।
प्रसिद्ध कलाकारों की धमाकेदार प्रस्तुति
महोत्सव में शामिल होने वाले प्रमुख कलाकारों में नितेश कच्छप, एल्विन रोजारियो, दीपक तिर्की, अमन कच्छप, दीपक लोहार, साउंड ऑफ झारखंड बैंड, और राजू मुर्मू शामिल हैं। ये कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से महोत्सव की महक और बढ़ाएंगे। खास बात यह है कि इस बार महोत्सव में 2 फैशन शो भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें से एक शो युवा मॉडल्स के लिए और दूसरा 10 साल से कम आयु के बच्चों के लिए होगा।
रांची की युवा टीम का सांस्कृतिक योगदान
रांची के विभिन्न कॉलेजों से युवा टीमों को भी महोत्सव में अपने सांस्कृतिक नृत्य और गायन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। ये प्रदर्शन इस बात की गवाही देंगे कि झारखंड का युवा वर्ग अपनी संस्कृति के प्रति कितना गर्वित है।
इतिहास में आदिवासी महोत्सव का महत्व
झारखंड का आदिवासी समुदाय अपने पारंपरिक पर्व-त्योहारों और महोत्सवों के लिए जाना जाता है। आदिवासी युवा महोत्सव के आयोजन का यह सिलसिला पिछले कुछ वर्षों में अपनी लोकप्रियता और महत्व बढ़ा चुका है। महोत्सव का उद्देश्य न केवल संस्कृति को बढ़ावा देना है, बल्कि आदिवासी युवाओं को उनके अधिकार और संभावनाओं के प्रति जागरूक करना भी है।