Sonahatu: कांची पुल का जर्जर हाल, 50 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में
सोनाहातू के कांची पुल की जर्जर हालत, नए पुल के निर्माण की धीमी गति, रोजाना हजारों लोगों की सुरक्षा की चिंता। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
सोनाहातू का कांची पुल, जो कि इस क्षेत्र की लाइफ लाइन माना जाता है, अब अपने जर्जर हालत के कारण गंभीर संकट में है। पुल की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि इसे पथ निर्माण विभाग ने खतरनाक और कंडम घोषित कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद, इस पुल का इस्तेमाल रोजाना सैकड़ों वाहन कर रहे हैं, जिससे 50 हजार से ज्यादा लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठता है।
कांची पुल की स्थिति: अतीत से वर्तमान तक
कांची पुल का निर्माण वर्ष 2005 में हुआ था, जब प्रखंड की जनता ने लंबी प्रतीक्षा के बाद इसे अपनी जरूरतों के लिए हासिल किया था। लेकिन आज 17 साल बाद, इसे जर्जर घोषित कर दिया गया है। विभाग ने पुल को खतरनाक बताते हुए केवल एक साधारण बोर्ड लगा दिया है, जबकि सुरक्षा के लिए कोई गंभीर उपाय नहीं किए गए हैं।
नए पुल के निर्माण में देरी
12 अगस्त 2021 को पथ निर्माण विभाग ने इस पुल को जर्जर घोषित किया, और नए पुल के निर्माण के लिए 6 मार्च 2024 को शिलान्यास किया गया। हालांकि, नए पुल का निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है, और अब तक केवल पांच फीसदी काम ही पूरा हो सका है। इस निर्माण पर करीब 12 करोड़ रुपये की लागत आ रही है, और इसे तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
50 हजार लोगों की निर्भरता
इस पुल पर प्रखंड की सात पंचायतों की लगभग 50 हजार की आबादी निर्भर है। ये लोग इचागढ़ जाने के लिए इस पुल का इस्तेमाल करते हैं, और नए पुल के निर्माण में हो रही देरी के कारण उन्हें पुराने पुल से ही जोखिम उठाकर गुजरना पड़ रहा है। पुल के ध्वस्त होने के बाद, लोगों को इचागढ़ जाने में कई कठिनाईयों का सामना करना होगा।
सड़क सुरक्षा: क्या हैं उपाय?
पुल को खतरनाक घोषित करने के बाद भी, कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। पुल के पास न तो कोई लाल रिबन लगाया गया है, और न ही कोई साइनेज बोर्ड है। इसी तरह, सुरक्षा के लिए बांस के हल्के बैरिकेट भी लगाए गए हैं, जो पूरी तरह से अपर्याप्त हैं। पुल पर रोजाना सैकड़ों दोपहिया और चारपहिया वाहन गुजरते हैं, और कई बार तो बालू लदे ट्रक भी रात के समय पुल से गुजरते हैं।
स्थानीय लोगों की चिंता
मौके पर मौजूद स्थानीय लोग बताते हैं कि पुल पर सुरक्षा के लिए कोई निगरानी नहीं की जाती। न तो पुलिस यहां तैनात रहती है और न ही प्रशासन समय-समय पर कोई एडवाइजरी जारी करता है। कई लोगों को पुल की खतरनाक स्थिति की जानकारी भी नहीं है, खासकर उन लोगों को जो स्थानीय नहीं हैं।
भविष्य की योजना
जब तक नए पुल का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक पुल के खतरनाक इस्तेमाल से लोगों की जान को जोखिम रहेगा। यह स्थिति उन लोगों के लिए चिंता का विषय है, जो अपनी रोजमर्रा की यात्रा में इस पुल पर निर्भर रहते हैं। प्रशासन और विभाग को चाहिए कि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं।
कांची पुल की जर्जर हालत और नए पुल के निर्माण की धीमी गति ने सोनाहातू की जनता को चिंतित कर दिया है। यदि प्रशासन ने जल्द ही सुरक्षा उपायों को लागू नहीं किया, तो आने वाले दिनों में इस पुल पर एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
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