Land Conservation Action: भूमि संरक्षण योजनाओं में देरी से मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की नाराज़, काम में तेजी लाने का दिया निर्देश!
रांची में भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं की धीमी प्रगति पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने नाराजगी जताई और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। जानिए क्या थे मंत्री के निर्देश और क्या सुधार की उम्मीद है।
रांची में, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भूमि संरक्षण विभाग के तहत चल रही योजनाओं की समीक्षा के दौरान गंभीर चिंता व्यक्त की। नेपाल हाउस के NIC सभागार में आयोजित ऑनलाइन मीटिंग में मंत्री ने पाया कि कई योजनाओं में भारी सुस्ती है, जिससे लाभार्थियों तक योजनाओं का सही लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। इस मौके पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए काम में तेजी लाने का निर्देश दिया।
बड़ी चिंताएँ और समाधान की दिशा:
समीक्षा बैठक में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने रांची, खूंटी, धनबाद, गुमला और देवघर जैसे प्रमुख जिलों में चल रही योजनाओं की धीमी गति को लेकर नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के आलस्य के कारण, तालाब निर्माण, डीप बोरिंग योजना, ट्रैक्टर खरीद और कृषि संयंत्र जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में प्रगति धीमी रही है। मंत्री ने यह भी कहा कि इन पांच जिलों में योजना के आवेदन और अनुमोदन के लक्ष्य को पूरा करने में काफी पिछड़ गए हैं।
क्षेत्रीय विधायकों के साथ मिलकर समाधान:
मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से अगले दो दिनों में क्षेत्रीय विधायकों से मिलकर योजना की पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया। उनका मानना है कि विभागीय अधिकारियों की सुस्ती के कारण योजना के लाभार्थियों तक लाभ नहीं पहुँच पा रहा है। "विभाग को ब्रिज की भूमिका अदा करनी होगी, ताकि लाभार्थियों तक समय पर और सही जानकारी पहुंचे," मंत्री ने कहा।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने यह भी सुनिश्चित किया कि योजनाओं से संबंधित फॉर्म न केवल जिला मुख्यालय पर, बल्कि प्रखंड कार्यालयों में भी उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि राज्य के विधायकों को योजना के फॉर्म उपलब्ध कराए जाएं, ताकि किसान सीधे लाभ उठा सकें।
मंत्री ने कार्य संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता जताई:
मंत्री ने जिला स्तर पर कार्यों की प्रगति को लेकर नाराजगी जताई। "अगर खाली पदों को भरने के बावजूद कोई बदलाव नहीं हो रहा, तो हमें यह सोचना होगा कि आखिर कारण क्या है?" उन्होंने कहा। शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय अधिकारियों को कार्य संस्कृति में बदलाव लाने और काम की गति को बढ़ाने का आह्वान किया।
दृष्टिकोण और भविष्य के आदेश:
मंत्री ने भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक को यह निर्देश भी दिए कि वे अगले तीन से चार दिन में जिला स्तर पर योजनाओं की रिपोर्ट लें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि हर महीने निदेशालय स्तर पर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि 31 जनवरी तक योजना की प्रगति की रिपोर्ट सौंपी जाए, ताकि अधिकारियों द्वारा की गई योजनाओं की गति और प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जा सके।
इतिहास में भूमि संरक्षण योजनाओं की महत्वता:
भूमि संरक्षण योजनाएं भारतीय कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐतिहासिक रूप से, भारतीय किसानों को जलवायु परिवर्तन और मिट्टी की उर्वरता में कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में भूमि संरक्षण के उपाय न केवल पर्यावरणीय सुरक्षा, बल्कि आर्थिक समृद्धि के लिए भी आवश्यक हैं। भूमि संरक्षण योजनाओं का उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए किसानों को स्थिरता और लाभ प्रदान करना है।
आखिरकार, योजनाओं की सफलता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए:
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने यह स्पष्ट किया कि विभाग को अपनी योजनाओं को सही समय पर लागू करने और किसानों को योजना का पूरा लाभ दिलाने की जिम्मेदारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी महीनों में विभाग अपने लक्ष्यों को सही तरीके से हासिल कर पाएगा, और लाभार्थी किसानों की मदद के लिए तत्पर रहेगा।
यह खबर राज्य सरकार द्वारा भूमि संरक्षण योजनाओं के प्रति गंभीर दृष्टिकोण और सक्रिय प्रयासों का प्रतीक है, जो किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का यह कदम उस दिशा में महत्वपूर्ण होगा जहां हर योजना को किसानों तक पहुंचाना, उनके जीवन में सुधार लाना और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करना सुनिश्चित किया जा सके।
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