Ranchi Book Launch: कल्याणी झा कनक की किताब का भव्य विमोचन, जानिए इसमें क्या है खास?

कल्याणी झा 'कनक' की पुस्तक "नई दिल्ली से इंडियाना वाया पेरिस" का रांची में भव्य लोकार्पण हुआ। जानिए, इस यात्रा संस्मरण में क्या खास है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए?

Mar 2, 2025 - 15:46
Mar 2, 2025 - 15:53
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Ranchi Book Launch: कल्याणी झा कनक की किताब का भव्य विमोचन, जानिए इसमें क्या है खास?
Ranchi Book Launch: कल्याणी झा कनक की किताब का भव्य विमोचन, जानिए इसमें क्या है खास?

रांची प्रेस क्लब में साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम रही, जहां चर्चित लेखिका कल्याणी झा 'कनक' की नई पुस्तक "नई दिल्ली से इंडियाना वाया पेरिस" का भव्य लोकार्पण और परिचर्चा समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर शहर के गणमान्य साहित्यकार, लेखक, कवि और पाठक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

एक यात्रा, जो किताब में सजीव हो उठी

कल्याणी झा 'कनक' ने अपने वक्तव्य में बताया कि यह पुस्तक उनके अमेरिका प्रवास के दौरान हुए अनुभवों का सजीव चित्रण है। जब वे अपने बेटे और बहू से मिलने इंडियाना गईं, तो वहां की संस्कृति, रहन-सहन और ऐतिहासिक स्थलों ने उन्हें इस यात्रा संस्मरण को लिखने के लिए प्रेरित किया। यह सिर्फ एक यात्रा वर्णन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज है, जो पाठकों को अमेरिका की गलियों में घूमने का अहसास कराता है।

पुस्तक पर विद्वानों की राय

कार्यक्रम में मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विद्यानाथ मिश्र विदीत ने कहा,
"हर व्यक्ति विदेश यात्रा नहीं कर सकता, लेकिन इस पुस्तक को पढ़कर कोई भी अमेरिका घूमने जैसा अनुभव कर सकता है। यह आधुनिक दौर का यात्रा एलबम है।"

वहीं, प्रसिद्ध कथाकार पंकज मित्र ने इसे स्त्री लेखन की एक युगांतकारी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए साहित्य सृजन हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, और कल्याणी झा ने इन चुनौतियों को पार करते हुए एक बेहतरीन कृति लिखी है।

क्या खास है इस किताब में?

इस मौके पर साहित्यकार अनीता रश्मि ने कहा कि लेखिका ने अमेरिकी संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों, वहां के समाज और जीवनशैली को बेहद आत्मीयता से उकेरा है। यह किताब उन भारतीयों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी, जो अमेरिका जाने का सपना देखते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से वहां नहीं जा पाते।

शब्दकार साहित्यिक समूह की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने कहा,
"एक साहित्यकार का दृष्टिकोण विस्तृत होना चाहिए। यह कृति पूर्वाग्रह से मुक्त होकर सांस्कृतिक अनुभवों को साझा करती है।"

वहीं, वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि "यात्रा संस्मरण ऐसा होना चाहिए कि पाठक खुद को उसी यात्रा का हिस्सा महसूस करें। यह पुस्तक इस कसौटी पर पूरी तरह खरी उतरती है।"

लोकार्पण समारोह में साहित्य जगत के दिग्गजों की उपस्थिति

इस आयोजन में साहित्य जगत से कई प्रतिष्ठित नाम शामिल हुए, जिनमें संगीता कुजारा टॉक, रीता गुप्ता, राजीव थेपड़ा, जय माला, अंशुमिता शेखर, प्रो. अरुण कुमार, कुमार विजेंद्र, राकेश रमण, सुरिंदर कौर नीलम, सोनू कृष्णन, अनुपम श्री, रेणु झा, सुमिता सिन्हा, मधुमिता साहा, सुनीता अग्रवाल, चारूमित्रा, कविता सिंह, मीरा सिंह, सदानंद यादव, लोकृति गुप्ता, नरेश बांका आदि प्रमुख थे।

कार्यक्रम की विशेष झलकियां

  • कार्यक्रम का संचालन अनामिका प्रिया ने किया और
  • धन्यवाद ज्ञापन प्रतिभा मिश्र ने दिया।
  • शब्दकार साहित्यिक समूह के बैनर तले हुए इस आयोजन ने साहित्यिक समाज में नई ऊर्जा का संचार किया।

पुस्तक क्यों पढ़नी चाहिए?

  • अमेरिका की संस्कृति, समाज और ऐतिहासिक स्थलों को समझने का अनोखा मौका।
  • यात्रा संस्मरण के रूप में एक रोचक और सहज भाषा में लिखा गया दस्तावेज।
  • उन लोगों के लिए खास, जो अमेरिका जाने का सपना देखते हैं या वहां की संस्कृति को करीब से जानना चाहते हैं।

"नई दिल्ली से इंडियाना वाया पेरिस" सिर्फ एक यात्रा वृत्तांत नहीं, बल्कि एक अनुभवात्मक सफर है, जो पाठकों को अमेरिका के गलियों, सड़कों और जीवनशैली से जोड़ता है। कल्याणी झा 'कनक' की यह पुस्तक निश्चित रूप से हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाएगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।