Ranchi RIMS Hospital : रिम्स में समय से रोगी पहुंचते हैं, डॉक्टर-कर्मचारी नहीं!
रांची के रिम्स अस्पताल में मरीज तो समय पर पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टर-कर्मचारी नहीं। जानिए निदेशक के सख्त कदम और अव्यवस्था की पूरी रिपोर्ट।
रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में मरीज तो समय पर पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टर और कर्मचारी नहीं। इस चौंकाने वाले तथ्य की जांच खुद रिम्स निदेशक प्रो. डॉक्टर राजकुमार ने की। उन्होंने मंगलवार को अस्पताल गेट के सामने कुर्सी लगाकर बैठने का फैसला किया और खुद डॉक्टरों और कर्मचारियों के आने-जाने का समय नोट किया।
चौंकाने वाली जांच: निदेशक ने क्यों संभाली कुर्सी? सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रो. राजकुमार अस्पताल गेट के बाहर सड़क किनारे बैठे और अस्पताल में देरी से पहुंचने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों को चिह्नित किया। इस दौरान कई डॉक्टर और कर्मचारी निर्धारित समय से देरी से पहुंचे। उन्होंने साफ कहा कि देरी से आने वालों पर जल्द सख्त कार्रवाई होगी।
मरीजों की शिकायत पर अव्यवस्था का निरीक्षण निदेशक ने मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत की। अधिकतर मरीजों ने इलाज होने की पुष्टि की, लेकिन कुछ ने दवा की उपलब्धता पर सवाल उठाए।
ओपीडी में देरी बनी समस्या रिम्स के ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) के बाहर रोजाना सुबह 10 बजे से पहले सैकड़ों मरीजों की लाइन लग जाती है, लेकिन डॉक्टर समय पर ओपीडी में नहीं पहुंचते। गाइडलाइन्स के मुताबिक, डॉक्टरों को सुबह 9 बजे तक ओपीडी में पहुंचना आवश्यक है।
इतिहास में पहली बार ऐसी कार्रवाई रिम्स की स्थापना 1960 में हुई थी, लेकिन पहली बार किसी निदेशक ने इतनी सख्ती के साथ अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाई है। प्रो. राजकुमार का यह कदम मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है।
रिम्स निदेशक का बयान डॉ. राजकुमार ने स्पष्ट किया, "हमारा मकसद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना है। डॉक्टर और कर्मचारियों को समय पर पहुंचना ही होगा।"
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