Hatia Crime: प्लेटफॉर्म पर 94 बोतल शराब के साथ पकड़े गए चार युवा, उम्र सुनकर दंग रह गई आरपीएफ
रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पर 17 से 21 साल के चार युवाओं को 94 बोतल प्रतिबंधित शराब के साथ पकड़ा गया। जानें कैसे हुआ खुलासा और क्या है इनकी कहानी।
झारखंड की राजधानी रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की शाम एक रोमांचक घटना हुई। प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर आरपीएफ की सतर्कता से चार युवाओं को हिरासत में लिया गया। जब उनके बैग की तलाशी ली गई, तो अंदर से 94 बोतल प्रतिबंधित शराब बरामद हुई।
इन युवाओं की उम्र और उनकी कहानी ने आरपीएफ के जवानों को भी दंग कर दिया। 17 से 21 साल के ये चार युवक बिहार में शराब तस्करी के लिए हटिया से शराब लेकर जा रहे थे।
ऑपरेशन सतर्क’ बना सफलता की कुंजी
आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार के निर्देशन में रांची मंडल में शराब तस्करों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सतर्क’ चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत हटिया रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट निरीक्षक रूपेश कुमार, उपनिरीक्षक दीपक कुमार और फ्लाइंग टीम ने 19 दिसंबर को चार संदिग्ध युवाओं को हिरासत में लिया।
कैसे हुआ शक?
प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर चार युवक संदिग्ध हालत में घूमते देखे गए। आरपीएफ जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखी और उन्हें रोककर पूछताछ शुरू की।
बैग से मिली शराब: कीमत सुनकर चौंक जाएंगे!
जब आरपीएफ ने इन युवाओं के बैग की तलाशी ली, तो अंदर से प्रतिबंधित शराब की 94 बोतलें बरामद हुईं। इनकी कुल कीमत 1.16 लाख रुपए आंकी गई। पूछताछ में पता चला कि ये युवक झारखंड से शराब लेकर ट्रेन संख्या 18105 (राउरकेला-जयनगर एक्सप्रेस) और 18624 (हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस) के जरिए बिहार में सप्लाई करने की तैयारी में थे।
युवाओं की पहचान: बिहार से जुड़े हैं तार
हिरासत में लिए गए युवाओं की पहचान कुछ इस प्रकार है:
- शिवम कुमार (18 वर्ष): निवासी बरौनी, बिहार
- गुड्डु कुमार (18 वर्ष): निवासी सोबरा, बरौनी, बिहार
- अमन कुमार (17 वर्ष): निवासी बेगूसराय, बिहार
- अंकुश कुमार (21 वर्ष): निवासी औरंगाबाद, बिहार
इनमें से अमन कुमार नाबालिग है, जबकि बाकी तीन युवाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
बिहार में शराबबंदी और तस्करी का खेल
बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। इसके बावजूद तस्करी और अवैध शराब का कारोबार चरम पर है। झारखंड से बिहार में शराब सप्लाई का नेटवर्क मजबूत है, जहां युवा वर्ग भी शामिल हो गया है।
बिहार में शराब की तस्करी का इतिहास लंबे समय से चला आ रहा है। 2019 में भी हटिया स्टेशन पर शराब तस्करों का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया था।
आरपीएफ की बड़ी सफलता
आरपीएफ ने इन युवाओं से न केवल शराब जब्त की, बल्कि झारखंड और बिहार के बीच चल रहे तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
20 दिसंबर को जब्त शराब और गिरफ्तार युवाओं को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य उत्पाद शुल्क विभाग को सौंप दिया गया।
कानून व्यवस्था पर सवाल
युवाओं का इस तस्करी में शामिल होना कई सवाल खड़े करता है:
- कैसे नाबालिग और युवा इतनी बड़ी तस्करी का हिस्सा बने?
- क्या रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा पर्याप्त है?
- शराबबंदी वाले राज्य में तस्करी का नेटवर्क इतना मजबूत क्यों है?
जनता की प्रतिक्रिया
- राजेश कुमार, हटिया निवासी: “आरपीएफ की ये कार्रवाई काबिले तारीफ है। स्टेशन पर इस तरह की सतर्कता जरूरी है।”
- प्रीति कुमारी, रांची: “युवाओं को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है। इतनी कम उम्र में तस्करी करना चिंता का विषय है।”
आरपीएफ की इस कार्रवाई ने शराब तस्करी के एक और मामले का पर्दाफाश किया। हालांकि, यह घटना युवाओं को अपराध की ओर ले जाने वाले कारकों पर ध्यान देने की जरूरत को उजागर करती है।
झारखंड और बिहार के बीच तस्करी का यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन ‘ऑपरेशन सतर्क’ जैसे अभियानों से इस पर लगाम लगाने की कोशिश जारी है।
What's Your Reaction?