Hatgamharia Market Tension: बाजार में बजरंगबली के झंडे को लेकर मचा बवाल, बंद पड़ा कारोबार! प्रशासन अलर्ट पर
हाटगम्हरिया बाजार में बजरंगबली का झंडा नहीं हटाने पर कुछ लोगों ने दुकानदार से की कथित मारपीट, बाजार रहा बंद। एसडीओ और एसडीपीओ ने की सख्त कार्रवाई, स्थिति नियंत्रित।

हाटगम्हरिया: शनिवार सुबह हाटगम्हरिया बाजार में एक अप्रत्याशित घटना ने जनजीवन को झकझोर कर रख दिया। बाजार में एक चाय दुकान पर बजरंगबली का झंडा लगाए जाने को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों ने आपत्ति जताई और मामला ऐसा तूल पकड़ गया कि पूरे बाजार को बंद करना पड़ा। घटना ने स्थानीय व्यापारियों को आक्रोशित कर दिया और प्रशासन को स्थिति संभालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
घटना सुबह करीब 9 बजे की है जब पीड़ित दुकानदार शुभम कुमार गुप्ता की दुकान पर अचानक कुछ लोग पहुंचे और झंडा हटाने की मांग करने लगे। आरोप है कि जैरपी निवासी छोटेलाल सिंकु ने न सिर्फ धमकी दी, बल्कि मारपीट भी की। गनीमत रही कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया।
प्रशासन की सख्ती, बाजार में फ्लैग मार्च
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीओ संदीप अनुराग टोप्पो, एसडीपीओ राफेल डुंगडुंग सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में फ्लैग मार्च निकाला गया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बागुन सिंकु नामक एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
पिछले वर्ष की घटना से जोड़कर देख रहे लोग
गौरतलब है कि पिछले साल भी रामनवमी के अवसर पर इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जब शोभायात्रा को लेकर विवाद हुआ था। उस समय भी प्रशासन की मौजूदगी में सादगीपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की सहमति बनी थी। ऐसे में इस साल की घटना को उसी पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जा रहा है।
व्यापारियों की चेतावनी और प्रशासन का आश्वासन
हाटगम्हरिया दुकानदार संघ ने घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए बाजार को बंद कर दिया और साफ तौर पर कहा कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, दुकानें नहीं खुलेंगी। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने और कड़ी कार्रवाई का भरोसा देने के बाद, दुकानदारों ने दोपहर में अपनी दुकानें खोल दीं।
धार्मिक स्वतंत्रता बनाम सामाजिक सौहार्द
एसडीओ ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी अन्य धर्म के प्रतीकों या परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं कर सकता। "धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है, लेकिन उसके साथ सामाजिक सौहार्द बनाए रखना भी आवश्यक है," उन्होंने कहा। उन्होंने जनता से प्रशासन पर भरोसा बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि रामनवमी का त्योहार पूर्व की तरह शांतिपूर्वक और गरिमापूर्ण ढंग से मनाया जाएगा।
Hatgamharia में हुआ यह विवाद हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक प्रतीकों की संवेदनशीलता और सामाजिक सामंजस्य के बीच संतुलन कितना जरूरी है। प्रशासन की सक्रियता और दुकानदारों के संयम से स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ गई, लेकिन यह घटना एक चेतावनी है कि सामाजिक सद्भाव की सुरक्षा के लिए निरंतर जागरूकता और संवाद जरूरी है।
अगर आप झारखंड की ऐसी ही लोकल अपडेट्स, प्रशासनिक कार्रवाई और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़ी खबरों को पढ़ना चाहते हैं, तो जुड़े रहिए हमारे साथ।
What's Your Reaction?






