Jamshedpur Hospital: मरीजों का इलाज या संक्रमण का खतरा? एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में गंभीर स्थिति!

एसएनएमएमसीएच अस्पताल की इमरजेंसी में गंभीर स्थिति! खून लगे स्ट्रेचर, गंदगी से घिरे मरीजों, और टूटे बेड के साथ इलाज जारी! जानें पूरी खबर।

Feb 2, 2025 - 14:16
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Jamshedpur Hospital: मरीजों का इलाज या संक्रमण का खतरा? एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में गंभीर स्थिति!
Jamshedpur Hospital: मरीजों का इलाज या संक्रमण का खतरा? एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में गंभीर स्थिति!

जमशेदपुर: स्वास्थ्य सेवाएं और संक्रमण से बचाव किसी भी अस्पताल के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) की सेंट्रल इमरजेंसी में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। यहां, जहां गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है, वहीं संक्रमण से बचाव के जरूरी उपायों की भारी कमी है। अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में खून के धब्बे, टूटे हुए बेड, और गंदगी की भरमार है, जो इस सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में गंभीर सवाल खड़े करती है।

माइनर ओटी में बेजुबान मरीजों की परेशानी

एसएनएमएमसीएच की माइनर ओटी में मरीजों के इलाज के लिए जो ऑपरेशन टेबल इस्तेमाल होती है, उस पर पिछले चार-पांच दिनों से सफाई नहीं की गई थी। खून के धब्बे और गंदगी ओटी टेबल पर मौजूद थी, जो संक्रमण के बढ़ने का कारण बन सकती है। माइनर ओटी के फर्श पर भी खून के धब्बे दिखे, जिससे गंदगी और संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है।

प्रभात खबर की टीम द्वारा शनिवार को किए गए निरीक्षण में यह बात सामने आई कि ओटी टेबल पर बिछाया गया प्लास्टिक अब स्वच्छ नहीं था, और इसकी सफाई में भारी लापरवाही की जा रही थी। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में मरीजों के इलाज के दौरान स्वच्छता के उपायों की स्थिति कितनी खराब हो सकती है

खून से सने स्ट्रेचर पर इलाज!

एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में आने वाले सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज में स्ट्रेचर पर खून का धब्बा रह जाता है। यही स्ट्रेचर माइनर ओटी में मरीजों को ले जाने के लिए इस्तेमाल होता है, और स्ट्रेचर की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

स्ट्रेचर पर खून का धब्बा साफ न होने से संक्रमण फैलने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा, मरीजों को ठीक से इलाज मिलने के बजाय साफ-सफाई की कमी के कारण उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

टूटे हुए बेड, गिरने का खतरा

इमरजेंसी के महिला और पुरुष वार्ड में टूटे हुए बेड की स्थिति भी बहुत खराब है। इन बेड्स पर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। बेहद खराब स्थिति के कारण कई बार मरीजों के गिरने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। कई बेड इतने पुराने और टूटे हुए हैं कि उन पर बैठना तक मुश्किल हो गया है, और सोते वक्त गिरने का खतरा बना रहता है।

यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी को दर्शाती है, जहां मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनकी सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है।

अस्पताल की स्थिति पर सवाल

एसएनएमएमसीएच, जो राज्य का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, में यह लापरवाही और गंदगी के मामले हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल उठाते हैं। अस्पताल की स्वच्छता और संक्रमण से बचाव के उपायों की स्थिति इस समय बेहद चिंताजनक है

इतिहास में एसएनएमएमसीएच ने कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं, लेकिन इस समय अस्पताल की संरचना और स्वच्छता को लेकर गंभीर सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन को अब एक कदम आगे बढ़कर इन गंभीर मुद्दों का समाधान करना चाहिए, ताकि मरीजों को संक्रमण से बचाव के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।

क्या प्रशासन इस पर ध्यान देगा?

अस्पताल में स्वच्छता के उपायों और संक्रमण से बचाव की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो मरीजों की जिंदगी के लिए खतरा बढ़ सकता है।

समय रहते अगर प्रशासन ने कदम नहीं उठाए, तो एसएनएमएमसीएच जैसी प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान की स्वच्छता और सुरक्षा पर गंभीर संकट आ सकता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।