Sanatan Dharma: सनातन धर्म की रक्षा और सामाजिक सुधार पर बाबा बलिया जी का बड़ा संदेश
उड़ीसा के पद्मश्री बाबा बलिया जी महाराज ने सनातन धर्म रक्षा, गौ माता संरक्षण और नशा मुक्ति पर जोर दिया। कमीशनखोरी रोकने और पर्यावरण संरक्षण पर भी दी बड़ी सलाह।
आदित्यपुर स्थित अटल पार्क में आयोजित तीन दिवसीय गीता भागवत कथा यज्ञ के दौरान उड़ीसा के कटक, जगतसिंहपुर से पधारे परम पूज्य पद्मश्री बाबा बलिया जी महाराज ने अपनी प्रेरणादायक वाणी से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा के समापन पर आयोजित प्रेस वार्ता में बाबा बलिया जी ने भारत में सनातन धर्म की रक्षा, गौ माता के संरक्षण और समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने पर जोर दिया।
सनातन धर्म की रक्षा में सरकार और जनता का योगदान आवश्यक
बाबा बलिया जी ने अपने संबोधन में कहा,
"भारत सभी धर्मों की समानता का प्रतीक है। यह हिंदू राष्ट्र होकर रहेगा, लेकिन सभी धर्मों का सम्मान और समानता बरकरार रहेगी।"
उन्होंने सरकार और आम जनता से सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की। बाबा जी ने कहा कि सनातन धर्म की परंपराएं और मूल्यों को बनाए रखना हर व्यक्ति का दायित्व है। उन्होंने गौ माता के संरक्षण को अनिवार्य बताते हुए कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे।
पर्यावरण संरक्षण और माता-पिता का आशीर्वाद
बाबा बलिया जी ने बेहतर समाज निर्माण के लिए पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति से प्रेम और उसका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।
"यदि हमने प्रकृति का सम्मान नहीं किया, तो कोरोना जैसी महामारी दोबारा हमें घेर सकती है।"
उन्होंने सभी मांगलिक कार्यों में माता-पिता का आशीर्वाद लेना अनिवार्य बताते हुए परिवार की महत्ता पर जोर दिया।
नशा मुक्त समाज की आवश्यकता
बाबा जी ने युवाओं को नशे और मादक पदार्थों के सेवन से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा,
"नशा हमारे समाज को अंदर से खोखला कर रहा है। युवाओं को इससे दूर रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। कठोर नियम लागू कर नशामुक्त समाज बनाना जरूरी है।"
कमीशनखोरी पर प्रहार
सरकारी कामों में व्याप्त कमीशनखोरी पर बाबा बलिया जी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सड़क, पुल, हाईवे जैसी विकास योजनाओं में कमीशनखोरी बंद होनी चाहिए।
"कमीशनखोरी एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है, जो समाज को दीमक की तरह खोखला कर रही है। इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।"
उन्होंने अपने अनुयायियों को भी इस समस्या पर जागरूक किया।
बाबा बलिया जी: एक प्रेरणास्त्रोत
परम पूज्य बाबा बलिया जी महाराज को समाज सुधार और सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के प्रयासों के लिए 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनके अनुयायियों के लिए वे आध्यात्मिक मार्गदर्शक होने के साथ-साथ सामाजिक चेतना के प्रतीक भी हैं।
सनातन धर्म की रक्षा पर बाबा जी के विचार
बाबा बलिया जी ने सनातन धर्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि धर्म का मतलब केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उन्होंने कहा,
"हमें अपने धर्म की रक्षा के साथ समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने के लिए एकजुट होना होगा।"
आध्यात्मिकता और समाज सुधार का संदेश
बाबा बलिया जी का यह संदेश उनके अनुयायियों और भारतीय समाज के लिए एक नई दिशा का प्रतीक है। उनके विचार केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज सुधार और जागरूकता के व्यापक दृष्टिकोण को भी दर्शाते हैं।
बाबा बलिया जी महाराज ने अपने वचनों से न केवल आध्यात्मिकता का प्रचार किया, बल्कि सामाजिक सुधार, पर्यावरण संरक्षण और सनातन धर्म की रक्षा का मार्ग भी प्रशस्त किया। उनकी यह पहल समाज को जागरूक और सकारात्मक बदलाव की ओर ले जाने में सहायक साबित हो सकती है।
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