Ghatsila Accident: घाटशिला सड़क हादसे की गूं, स्टूडेंट की मौत पर मां ने उठाए सवाल, क्या ये महज एक्सीडेंट था?

घाटशिला में एक सड़क हादसे में कॉलेज छात्र की संदिग्ध मौत ने परिजनों को झकझोर दिया है। मां ने इस हादसे को सामान्य एक्सीडेंट मानने से इनकार किया है। जानिए पूरी कहानी और जांच से जुड़ी हर डिटेल।

Apr 6, 2025 - 12:36
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Ghatsila Accident: घाटशिला सड़क हादसे की गूं, स्टूडेंट की मौत पर मां ने उठाए सवाल, क्या ये महज एक्सीडेंट था?
Ghatsila Accident: घाटशिला सड़क हादसे की गूं, स्टूडेंट की मौत पर मां ने उठाए सवाल, क्या ये महज एक्सीडेंट था?

घाटशिला: शनिवार देर रात घाटशिला-धालभूमगढ़ हाईवे पर एक ऐसी घटना हुई, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। घाटशिला कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहा छात्र दीपक सोरेन (21) की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। हादसा सोनाखून के पास हुआ, लेकिन जैसे-जैसे इस घटना से जुड़े तथ्य सामने आ रहे हैं, यह केवल एक सामान्य सड़क दुर्घटना नहीं लग रही।

दीपक मूल रूप से पोटका प्रखंड के हेसागोड़ा गांव का रहने वाला था और पढ़ाई के लिए काशीदा में रह रहा था। शनिवार को वह चाकुलिया में अपनी फुआ मीनू सोरेन से मिलने गया था और रात में लौटते समय यह हादसा हुआ। घटना की सूचना मिलते ही धालभूमगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दीपक को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मां बोलीं – "यह सिर्फ एक्सीडेंट नहीं लग रहा"

दीपक की मां लक्ष्मी सोरेन ने हादसे पर सवाल उठाते हुए कहा, “मेरा बेटा मेरा इकलौता सहारा था। वह सिर्फ पढ़ाई कर रहा था, किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन जिस तरीके से उसका शव बाइक से काफी दूर मिला, उससे शक होता है कि मामला साधारण नहीं है।” परिजनों की ओर से निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

हादसे की जगह और शव की स्थिति ने बढ़ाई रहस्य की परतें

परिजनों का कहना है कि शव जिस जगह पर मिला, वह उसकी बाइक से काफी दूर था। यह सवाल खड़े करता है कि क्या दीपक की बाइक खुद असंतुलित होकर गिरी थी या किसी बाहरी हस्तक्षेप के कारण हादसा हुआ? फिलहाल पुलिस मामले की हर कोण से जांच कर रही है।

कॉलेज में शोक की लहर, दोस्तों ने दी श्रद्धांजलि

घटना की जानकारी मिलते ही घाटशिला कॉलेज के कई छात्र अस्पताल पहुंचे। दोस्तों ने नम आंखों से दीपक को अंतिम विदाई दी। मौके पर दीपक के रिश्तेदार जीतन सोरेन, दुलाराम सोरेन, भीम सोरेन और मोहन सोरेन सहित कई ग्रामीण भी मौजूद थे।

हादसों का इतिहास: क्या यह इलाका ब्लैक स्पॉट बन चुका है?

घाटशिला-धालभूमगढ़ हाईवे पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। सोनाखून के पास की यह जगह खासकर रात में काफी सुनसान हो जाती है। ऐसे में यह इलाका अक्सर तेज रफ्तार वाहनों और लाइट की कमी के कारण दुर्घटना संभावित बना रहता है। लेकिन दीपक का मामला केवल एक्सीडेंट कहकर नहीं टाला जा सकता।

पुलिस जांच में जुटी, परिजनों को उम्मीद है न्याय की

धालभूमगढ़ पुलिस ने कहा है कि हर पहलू से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ घटनास्थल का फॉरेंसिक विश्लेषण भी किया जा रहा है। परिजन चाहते हैं कि यदि इसमें कोई साजिश है, तो सच्चाई सामने लाई जाए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।