Jharkhand Train Cancellation : झारखंड ट्रेनों की रद्दी: 22 से 26 दिसंबर तक 18 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित, जानिए क्यों!
झारखंड में 22 से 26 दिसंबर तक 18 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होगा। जानें क्या कारण है और ये ट्रेनें कब तक रद्द रहेंगी।
 
                                    झारखंड के रेलवे यात्री इस दिसंबर के अंत में परेशानी का सामना कर सकते हैं। 22 से 26 दिसंबर तक 18 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हो सकती है। रेलवे ने इस संबंध में घोषणा करते हुए बताया कि चक्रधरपुर और आद्रा मंडल के चार स्थानों पर निर्माण कार्य के चलते इन ट्रेनों के रद्द होने का फैसला लिया गया है।
क्यों रद्द हो रही हैं ये ट्रेनें?
रेलवे के दक्षिण-पूर्व जोन के अनुसार, चक्रधरपुर मंडल के सोनवा और लोटापहाड़ स्टेशनों पर 24 दिसंबर को निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके कारण, इस दिन टाटानगर-इतवारी एक्सप्रेस, टाटानगर-राउरकेला लोकल और हावड़ा-कांताबाजी इस्पात एक्सप्रेस अपडाउन रद्द रहेंगी। इससे न केवल रांची, टाटानगर और हावड़ा के यात्री प्रभावित होंगे, बल्कि अन्य शहरों के लोग भी असुविधा महसूस करेंगे।
कौन-कौन सी ट्रेनें होंगी रद्द?
- 22 दिसंबर: कांड्रा और चांडिल के बीच लाइन ब्लॉक के कारण टाटानगर-आसनसोल एक्सप्रेस, टाटानगर-आसनसोल लोकल, और टाटानगर-बरकाकाना पैसेंजर का परिचालन बंद रहेगा।
- 23 और 26 दिसंबर: झाड़ग्राम-पुरुलिया मेमू ट्रेन की अपडाउन सेवा भी रद्द रहेगी।
- 26 दिसंबर: आद्रा मंडल में ब्लॉक के कारण रांची-हावड़ा इंटरसिटी ट्रेन रद्द रहेगी और टाटानगर-हटिया एक्सप्रेस को नया मार्ग अपनाना पड़ेगा। यह ट्रेन चांडिल से पुरुलिया की बजाय मुरी होकर चलेगी।
इतिहास में ट्रेन रद्दी के कारण क्या बदलाव आए हैं?
झारखंड के आद्रा और चक्रधरपुर मंडल में पिछले एक साल से लगातार लाइन मरम्मत, एफओबी, आरयूबी, और आरओबी जैसे निर्माण कार्य चल रहे हैं। इससे इस रूट की यात्रा करने वाले यात्रियों को पहले भी कई बार असुविधा का सामना करना पड़ा है। इन कार्यों के कारण आने-जाने वाले लोग नियमित रूप से ट्रेनों में होने वाली देरी और रद्दी की समस्या से जूझ रहे हैं।
कितना बड़ा असर होगा यात्रियों पर?
इन ट्रेनों के रद्द होने से हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्हें यात्रा के लिए वैकल्पिक परिवहन का सहारा लेना होगा, जो न केवल महंगा बल्कि समय की दृष्टि से भी अधिक लंबा होगा। विशेषकर सर्दियों के मौसम में यात्री रेलवे से उम्मीद रखते हैं कि वे जल्दी और आराम से अपनी मंजिल तक पहुंचें। ऐसे में यह बदलाव यात्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
क्या विकल्प मौजूद हैं?
हालांकि इन ट्रेनों का परिचालन 27 दिसंबर से फिर से शुरू हो जाएगा, लेकिन तब तक यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करना होगा। यात्रियों को अन्य मार्गों से यात्रा करने, बसों या टैक्सी का सहारा लेना या फिर वैकल्पिक ट्रेन मार्ग का चयन करना होगा।
रेलवे की तरफ से क्या किया जा रहा है?
रेलवे अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि ये निर्माण कार्य रेलवे नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके। हालांकि, इस बीच यात्रियों को असुविधा होने की संभावना है, जिसके लिए रेलवे ने माफी मांगी है।
आखिरकार, क्या हम इस समस्या से निपटने के लिए तैयार हैं?
इन परिवर्तनों और रद्द ट्रेनों के बावजूद यह सवाल उठता है कि क्या रेलवे यात्रियों की सुविधा और आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने में सक्षम है। अगर यह निर्माण कार्य समय पर पूरा हो जाता है, तो भविष्य में इस तरह की समस्याएं कम हो सकती हैं।
रेलवे द्वारा की जा रही लाइन मरम्मत और निर्माण कार्य यात्रियों के लिए असुविधाजनक हो सकते हैं, लेकिन इन कदमों से अंततः यात्रा में सुधार होगा। झारखंड के लोग इस दौरान थोड़ी परेशानी महसूस कर सकते हैं, लेकिन 27 दिसंबर से ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। इस समय तक यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करना होगा।
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