Illegal Sand Mining: अवैध बालू खनन के खिलाफ खनन विभाग की सख्त कार्रवाई, एक हाइवा जब्त
रांची में अवैध बालू खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ खनन विभाग की सख्त कार्रवाई जारी है। जानें पूरी खबर और विभाग की कार्रवाई के बारे में।
Ranchi News: झारखंड के रांची जिले में अवैध बालू खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ खनन विभाग ने अपनी सख्त कार्रवाई जारी रखी है। शनिवार को कांड्रा थाना अंतर्गत पदमपुर क्षेत्र से एक अवैध बालू लदा हाइवा (गाड़ी संख्या जेएच09एके-7580) जब्त किया गया है, जिसके बाद इस मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है। जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि उपायुक्त के निर्देश पर यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है और किसी भी हालत में अवैध बालू खनन और परिवहन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
खनन विभाग की सख्ती और कानूनी कदम
खनन विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ यह अभियान राज्य के विकास के लिए बेहद अहम है। खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान, अवैध खनन गतिविधियों से राज्य को होने वाले राजस्व घाटे और क्षेत्रीय अव्यवस्था को देखते हुए सरकार और खनन विभाग ने ठान लिया है कि इस पर पूरी तरह से काबू पाया जाएगा। जब्त किए गए हाइवा में कोई वैध कागजात और चालान नहीं था, जिसे लेकर विभाग ने त्वरित कार्रवाई की और अवैध परिवहन को रोकने के लिए इस वाहन को जब्त किया।
क्यों है अवैध बालू खनन एक बड़ा मुद्दा?
झारखंड राज्य में बालू का खनन एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है, लेकिन अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह स्थानीय लोगों और राज्य सरकार के लिए भी आर्थिक नुकसान का कारण बनता है। बालू खनन का अवैध कार्य अनियंत्रित तरीके से होता है, जिसके चलते नदियों के तट पर कटाव बढ़ता है, जलस्रोतों की स्वच्छता पर असर पड़ता है और पूरे इलाके की पारिस्थितिकी में बदलाव आ जाता है। इस अवैध खनन के कारण राजस्व का भी भारी नुकसान होता है, क्योंकि बिना कागजात और वैध चालान के खनन करने वाले लोग सरकारी खजाने में कोई योगदान नहीं करते।
सरकार की गंभीरता और निरंतर अभियान
खनन विभाग की ओर से यह कहा गया कि यह अभियान सिर्फ एक शुरुआत है और इसे निरंतर जारी रखा जाएगा। खनन विभाग का लक्ष्य है कि हर अवैध खनन और परिवहन को रोका जाए और सख्त कार्रवाई की जाए। जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में बालू खनन के लिए सभी संबंधित कागजात और वैध चालान की आवश्यकता होगी, और किसी भी परिस्थिति में बिना उचित दस्तावेज के बालू खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अवैध बालू खनन से स्थानीय समाज पर असर
अवैध बालू खनन की समस्या न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह स्थानीय समाज में भी अव्यवस्था का कारण बनती है। अवैध बालू खनन से सड़कों पर बालू की आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे वैध व्यापारियों की परेशानी होती है। साथ ही यह स्थानीय लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अवैध खनन से निकला बालू निर्माण कार्य में उपयोग नहीं हो सकता और इसके चलते लोगों को अन्य खतरों का सामना भी करना पड़ सकता है।
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