JSSC कार्यालय घेराव के दौरान बवाल: पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले 16 छात्रों पर दर्ज FIR, जानें पूरी कहानी

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) कार्यालय का घेराव करते हुए छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी। 16 नामजद व 1 हजार अज्ञात छात्रों पर नामकुम थाना में FIR दर्ज। जानें क्यों उग्र हुए छात्र और क्या है JSSC-CGL परीक्षा विवाद।

Oct 1, 2024 - 09:07
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JSSC कार्यालय घेराव के दौरान बवाल: पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले 16 छात्रों पर दर्ज FIR, जानें पूरी कहानी
JSSC कार्यालय घेराव के दौरान बवाल: पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले 16 छात्रों पर दर्ज FIR, जानें पूरी कहानी

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के कार्यालय पर छात्र आंदोलन ने सोमवार रात उग्र रूप धारण कर लिया। JSSC-CGL परीक्षा रद्द कराने की मांग कर रहे छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस मामले में पुलिस ने 16 नामजद छात्रों के साथ-साथ 1 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ नामकुम थाना में एफआईआर दर्ज की है।

क्या है विवाद की जड़?

21-22 सितंबर को आयोजित JSSC-CGL परीक्षा को लेकर छात्रों में असंतोष था। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। इसी कारण झारखंड के विभिन्न जिलों से आए छात्र सोमवार को JSSC कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। छात्रों की मांग थी कि इस परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और एक निष्पक्ष जांच की जाए।

कैसे शुरू हुआ बवाल?

सुबह से ही छात्र JSSC कार्यालय के बाहर इकट्ठा होने लगे। प्रशासन ने भी भारी संख्या में पुलिस बल और बैरिकेडिंग की व्यवस्था कर रखी थी ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। शुरूआत में छात्रों की संख्या कम थी, लेकिन दोपहर होते-होते भीड़ बढ़ती गई।

दोपहर बाद अचानक छात्रों का समूह उग्र हो गया और वे नारेबाजी करते हुए प्रशासन पर दबाव बनाने लगे। शाम होते-होते स्थिति बिगड़ने लगी और छात्रों ने पुलिस पर पत्थर और बोतलें फेंकनी शुरू कर दी। इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित किया। नामकुम और कांके थाना प्रभारी भी मौके पर मौजूद थे और उन्होंने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। FIR दर्ज होने के बाद प्रशासन का कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

छात्रों का आरोप और मांग

छात्रों का कहना है कि JSSC द्वारा आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उनका आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था और यही कारण है कि वे परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्र इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं और इसे राज्यव्यापी आंदोलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या आगे होगा?

घटना के बाद JSSC ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन छात्रों का गुस्सा और विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन इस बार हालात को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच की बात कर रहा है। इससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह मामला और गहराने वाला है।

छात्रों के इस आंदोलन ने एक बार फिर से परीक्षा व्यवस्था और उसके पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और JSSC इस मामले को कैसे संभालते हैं और छात्रों की मांगों का समाधान कैसे किया जाता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।