Ranchi Crime: पुलिसकर्मी को रुमाल झाड़ कर किया बेहोश, 1.15 लाख की लूट से मचा हड़कंप

रांची के कांटाटोली में अपराधियों ने पुलिसकर्मी को नशीला पदार्थ सुंघाकर 1.15 लाख की लूट को अंजाम दिया। जानें कैसे हुई वारदात और पुलिस क्या कर रही है।

Dec 16, 2024 - 09:40
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Ranchi Crime: पुलिसकर्मी को रुमाल झाड़ कर किया बेहोश, 1.15 लाख की लूट से मचा हड़कंप
Ranchi Crime: पुलिसकर्मी को रुमाल झाड़ कर किया बेहोश, 1.15 लाख की लूट से मचा हड़कंप

झारखंड की राजधानी रांची में एक चौंकाने वाली वारदात ने पुलिस और जनता को हिला दिया है। कांटाटोली चौक पर अपराधियों ने एक पुलिसकर्मी को रुमाल में नशीला पदार्थ सुंघाकर लूट लिया। घटना में अपराधियों ने पुलिसकर्मी का मोबाइल और एटीएम कार्ड छीनकर 1.15 लाख रुपये निकाल लिए।

कैसे हुआ ये सब?
घटना सात दिसंबर की है। जमशेदपुर में पदस्थापित एएसआई (सहायक सब-इंस्पेक्टर) मनोज टोप्पो ने बताया कि वह नगड़ी स्थित अपने आवास से पूर्वी सिंहभूम जाने के लिए रांची के कांटाटोली पहुंचे थे। उनके साथ उनकी दो बेटियां भी थीं, जिन्हें उन्होंने ऑटो में बैठाकर भेज दिया। इसके बाद वह बस पकड़ने के लिए पैदल ही जा रहे थे।

कांटाटोली चौक के पास एक अज्ञात व्यक्ति उनके पास आया और रुमाल झाड़ दिया। इससे वह बेहोश हो गए। होश आने पर उन्होंने पाया कि उनका मोबाइल और एटीएम कार्ड गायब थे। दो दिन बाद, उनके बैंक खाते से 1.15 लाख रुपये की अवैध निकासी हो चुकी थी।

अपराधियों का तरीका और पुलिस की प्रतिक्रिया
रुमाल में नशीले पदार्थ का इस्तेमाल अपराधियों की नई रणनीति है। इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बार शिकार बने खुद कानून के रखवाले। एएसआई ने लोअर बाजार थाने में मामला दर्ज कराया है, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

दूसरा मामला: मोबाइल चोरी से 1.10 लाख की निकासी
इसी तरह की एक और घटना चार दिसंबर को रांची के धुर्वा क्षेत्र में हुई। हृदयानंद शर्मा नामक व्यक्ति का मोबाइल चोरी हुआ और कुछ दिनों बाद उनके खाते से 1.10 लाख रुपये की अवैध निकासी हो गई। उन्होंने धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।

क्या कहती है झारखंड की आपराधिक पृष्ठभूमि?
झारखंड में लूट और चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। रांची जैसे बड़े शहरों में अपराधियों के नए-नए तरीकों से पुलिस भी हैरान है। रुमाल झाड़कर बेहोश करने की तकनीक कोई नई बात नहीं है। 90 के दशक में भी यह तरीका इस्तेमाल होता था, जिसे 'चुरास' तकनीक कहा जाता था। हालांकि, तब इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से बस यात्रियों को लूटने के लिए किया जाता था।

पुलिस की चुनौतियां और आगे की राह
ऐसी घटनाओं ने पुलिस को नई चुनौतियों के सामने खड़ा कर दिया है। सवाल यह उठता है कि अगर पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी? इन घटनाओं के बाद पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

जनता को सतर्क रहने की जरूरत
इस तरह की घटनाएं आम लोगों के लिए भी एक चेतावनी हैं। किसी अजनबी की गतिविधियों से सावधान रहें और अकेले यात्रा के दौरान सतर्कता बरतें। खासकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सतर्क रहें।


रांची में हुई ये घटनाएं सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल हैं। पुलिस को चाहिए कि इन अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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