Bokaro incident : घरेलू विवाद में मां ने बच्चे के साथ तालाब में लगाई छलांग, मासूम की दर्दनाक मौत!
झारखंड के बोकारो में घरेलू विवाद के चलते महिला ने छह साल के बेटे संग तालाब में छलांग लगाई। मासूम की मौत, महिला अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती। जानें पूरी घटना।
झारखंड के बोकारो में रविवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। घरेलू विवाद के चलते राजबाला देवी नामक महिला ने अपने छह साल के बेटे के साथ बालीडीह के बनसिमली तालाब में छलांग लगा दी। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया।
कैसे घटी घटना?
रविवार सुबह, राजबाला देवी अपने बेटे के साथ घर से निकल गई। बताया जा रहा है कि इससे पहले उनके और उनके पति संजय कुमार सिंह के बीच तीखी बहस हुई थी। घर से निकलने के बाद राजबाला सीधे बालीडीह के बनसिमली तालाब पहुंची, जहां उन्होंने अपने बेटे के साथ तालाब में छलांग लगा दी।
तालाब के पास मौजूद ग्रामीणों ने मां-बेटे को डूबते देखा और तुरंत पानी में कूदकर उन्हें बाहर निकाला। दोनों को गंभीर हालत में बोकारो सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने छह वर्षीय मासूम को मृत घोषित कर दिया।
मां की स्थिति गंभीर, बयान का इंतजार
राजबाला की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज बोकारो जनरल हॉस्पिटल (बीजीएच) में चल रहा है। पुलिस महिला के होश में आने और बयान देने का इंतजार कर रही है।
घरेलू विवाद ने छीना मासूम का जीवन
राजबाला, जो लोहांचल निवासी और श्री भोले फैक्ट्री के मालिक एसएन सिंह की पुत्रवधू थीं, अपने पति संजय कुमार सिंह के साथ को-ऑपरेटिव कॉलोनी में एक किराए के मकान में रह रही थीं। पुलिस के अनुसार, पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
रविवार सुबह भी दोनों के बीच बहस हुई, जिसके बाद राजबाला अपने बेटे को लेकर घर से निकल गईं। संजय अपनी पत्नी और बच्चे की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे, तभी उन्हें तालाब में उनके डूबने की सूचना मिली।
आत्महत्या या गुस्से का परिणाम?
घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह कदम राजबाला ने गुस्से में उठाया या वह पहले से ही इस आत्मघाती कदम के लिए तैयार थीं? खास बात यह है कि इस घटना में मासूम बेटे को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।
झारखंड में आत्महत्याओं का बढ़ता ग्राफ
झारखंड में घरेलू विवाद के चलते आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आर्थिक तंगी, पारिवारिक विवाद और मानसिक तनाव इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि परिवारों के भीतर के तनावों को कैसे दूर किया जाए।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना
पुलिस ने इस घटना की जानकारी महिला के मायकेवालों को दे दी है। महिला के बयान और घटना की विस्तृत जांच के बाद ही इस मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी। इस घटना के बाद क्षेत्र के लोग गम और गुस्से में हैं।
क्या सीख मिलती है?
बोकारो की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पारिवारिक विवाद सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच का मामला नहीं होता, इसका असर मासूम बच्चों तक पर पड़ता है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि समय रहते पारिवारिक समस्याओं को सुलझाना कितना जरूरी है।
राजबाला देवी के इस कदम ने एक मासूम बच्चे की जान ले ली और परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंचाई। इस घटना ने एक बार फिर समाज के सामने मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक विवादों के समाधान की आवश्यकता को उजागर किया है।
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