Jamshedpur murder case: टेल्को हत्याकांड के दो शूटर गिरफ्तार, जानें क्यों दी गई थी सुनील सिंह को मौत की सजा!

जमशेदपुर टेल्को हत्याकांड में बिहार के सासाराम से दो शूटर गिरफ्तार। जानें, क्यों दी गई थी सुनील सिंह को मौत की सजा और किसने रची थी साजिश।

Dec 16, 2024 - 09:22
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Jamshedpur murder case: टेल्को हत्याकांड के दो शूटर गिरफ्तार, जानें क्यों दी गई थी सुनील सिंह को मौत की सजा!
Jamshedpur murder case: टेल्को हत्याकांड के दो शूटर गिरफ्तार, जानें क्यों दी गई थी सुनील सिंह को मौत की सजा!

जमशेदपुर: झारखंड के टेल्को थाना क्षेत्र में 16 नवंबर को हुए कंवाई इंचार्ज सुनील सिंह हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। बिहार के सासाराम में छापेमारी कर पुलिस ने बिट्टू कामत गिरोह के दो शूटर—बृजनंदन पाठक और रवि सरकार—को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को रविवार की शाम जमशेदपुर लाया गया और पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।

क्या था मामला?
सुनील कुमार सिंह (47), जो टेल्को तार कंपनी के तालाब के पास स्कूटी से जा रहे थे, उनकी 16 नवंबर को बाइक सवार तीन अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में पता चला कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी। इस मामले में पुलिस पहले ही मुख्य आरोपी बिट्टू कामत और भरत कामत को जेल भेज चुकी है।

हत्या की वजह: दुश्मनी और शक का खेल
पुलिस के अनुसार, बिट्टू कामत को शक था कि सुनील सिंह उसकी हत्या करने की साजिश रच रहे हैं और इसके लिए उन्होंने किसी अपराधी को सुपारी दी है। इस शक के आधार पर ही बिट्टू कामत ने अपने शूटरों को सुनील सिंह की हत्या का आदेश दिया।

कैसे हुए आरोपियों तक पहुंच?
घटना के बाद से ही पुलिस ने बिट्टू कामत को पकड़ने के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की। दबाव बढ़ने पर बिट्टू ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। रिमांड पर पूछताछ के दौरान उसने अपने गिरोह के सदस्यों के नामों का खुलासा किया। बिट्टू की दी गई जानकारी के आधार पर ही पुलिस ने बिहार के सासाराम में छापेमारी कर दोनों शूटरों को गिरफ्तार किया।

बिट्टू कामत का आपराधिक इतिहास
बिट्टू कामत का नाम जमशेदपुर में कई बड़े अपराधों से जुड़ा हुआ है। उसने अपराध की दुनिया में अपना एक बड़ा नेटवर्क बना रखा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह हत्या, वसूली और साजिश रचने जैसे मामलों में पहले भी आरोपी रहा है। इस हत्याकांड ने एक बार फिर उसके गिरोह की सक्रियता को उजागर कर दिया है।

जमशेदपुर के आपराधिक इतिहास की कड़ियां
जमशेदपुर में सुपारी किलिंग और दुश्मनी के मामलों का इतिहास नया नहीं है। अपराध की जड़ें यहां 1990 के दशक से फैली हुई हैं, जब सुपारी देकर हत्या कराने की घटनाएं आम थीं। इस मामले ने पुराने दिनों की याद दिला दी है, जब शक और साजिश के चलते लोगों की जान जाती थी।

पुलिस की जांच जारी
पुलिस इस हत्याकांड के बाकी पहलुओं की जांच में जुटी हुई है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि बिट्टू कामत का शक सही था या यह महज एक गलतफहमी का नतीजा था। गिरफ्तार शूटरों से पूछताछ के बाद पुलिस को और भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।

क्यों बनते हैं ऐसे हालात?
जमशेदपुर में औद्योगिक माहौल के बीच आपराधिक गतिविधियों का बढ़ना चिंता का विषय है। यहां की बड़ी आबादी, आर्थिक असमानता और आपसी दुश्मनी के कारण अपराधों की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं।

टेल्को हत्याकांड ने जमशेदपुर में अपराध की जड़ों को फिर से उजागर कर दिया है। पुलिस की सक्रियता से शूटरों की गिरफ्तारी ने मामले को सुलझाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस हत्याकांड से जुड़े बाकी सच कभी सामने आएंगे या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह इतिहास में खो जाएगा?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।