Delhi Meeting: Pharmacy Council of India ने लिया बड़े निर्णय, क्या बदलेंगे झारखंड के फार्मासिस्टों के हालात?

दिल्ली में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की बैठक में झारखंड के फार्मासिस्टों के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जानिए इस बैठक के फैसलों से फार्मासिस्टों की स्थिती में क्या बदलाव आएगा।

Feb 12, 2025 - 19:56
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Delhi Meeting: Pharmacy Council of India ने लिया बड़े निर्णय, क्या बदलेंगे झारखंड के फार्मासिस्टों के हालात?
Delhi Meeting: Pharmacy Council of India ने लिया बड़े निर्णय, क्या बदलेंगे झारखंड के फार्मासिस्टों के हालात?

दिल्ली में आयोजित फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की महत्वपूर्ण बैठक ने फार्मासिस्टों के भविष्य के लिए बड़े निर्णय लिए हैं। यह बैठक वर्ल्ड न्यू ट्रेड सेंटर में संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता पीसीआई अध्यक्ष मोंटू पटेल ने की। इस बैठक में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य और विभिन्न राज्यों के अधिकारी शामिल हुए, जिनमें झारखंड के फार्मेसिस्टों के मुद्दों पर विशेष चर्चा की गई।

बैठक के दौरान झारखंड राज्य के फार्मासिस्टों की समस्या पर गहन विचार-विमर्श हुआ। धर्मेंद्र सिंह, जो झारखंड के फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य हैं, ने अपनी बात रखते हुए कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने बताया कि झारखंड में फार्मासिस्टों की बहाली में हो रही देरी, फर्जी सर्टिफिकेट पर अंकुश, और प्राइवेट अस्पतालों में फार्मासिस्टों के वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर परिषद को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए भी सुझाव दिए।

धर्मेंद्र सिंह ने बैठक में कहा, "फार्मासिस्टों की वेतन दर बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी सेवाओं को और भी बेहतर तरीके से प्रदान कर सकें। झारखंड में फार्मासिस्टों की स्थिति को मजबूत करना जरूरी है।"

सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रेस प्रवक्ता मनी मोहंती, महासचिव दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष दीपक नंदी और अन्य सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे। उन्होंने बैठक में उठाए गए मुद्दों के समर्थन में विचार रखे और कहा कि यह बैठक फार्मासिस्टों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। मनी मोहंती ने बताया, "हमारी टीम ने इस बैठक के लिए कड़ी मेहनत की है, और हम पीसीआई को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमारे मुद्दों को गंभीरता से लिया।"

बैठक में काउंसिल ने फार्मासिस्टों के लिए नए दिशा-निर्देशों को पारित किया। मोंटू पटेल ने कहा कि काउंसिल का लक्ष्य भारतीय फार्मासिस्टों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनका सम्मान बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक के दौरान कई सकारात्मक निर्णय लिए गए हैं, जो फार्मासिस्टों के लिए नई उम्मीदें पैदा करेंगे।

इस बैठक में झारखंड राज्य के फार्मासिस्टों के अलावा, अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे विभिन्न राज्यों में फार्मासिस्टों की स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाए गए हैं। पीसीआई अध्यक्ष मोंटू पटेल ने बताया, "हमारा प्रयास है कि सभी राज्यों में फार्मासिस्टों के लिए समान अवसर और सुरक्षा प्रदान की जाए।"

बैठक के दौरान उठाए गए मुख्य मुद्दों में शामिल हैं:

  1. फार्मासिस्टों की बहाली: जल्द से जल्द नए पदों पर फार्मासिस्टों की भर्ती।
  2. फर्जी सर्टिफिकेट पर अंकुश: फार्मासिस्टों के रजिस्ट्रेशन के दौरान धोखाधड़ी की रोकथाम।
  3. वेतन वृद्धि: प्राइवेट अस्पतालों में काम कर रहे फार्मासिस्टों के वेतन में वृद्धि की मांग।
  4. काउंसिल को सशक्त बनाना: काउंसिल के अधिकारों और कार्यों को मजबूत करने के उपाय।

धर्मेंद्र सिंह ने इस बैठक के बाद एक बयान में कहा, "यह बैठक फार्मासिस्टों के लिए एक नई दिशा की शुरुआत है। हम सभी फार्मासिस्टों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए।"

सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे दीपक नंदी और शशि ने भी बैठक के परिणामों का स्वागत किया और इसे फार्मासिस्टों के लिए एक ऐतिहासिक पल बताया। इस बैठक के बाद अब फार्मासिस्टों को उम्मीद है कि झारखंड राज्य में उनके कामकाजी माहौल और सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव आएगा।

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की यह बैठक फार्मासिस्टों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उन्हें उनके अधिकारों और कार्यक्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। इस बैठक में किए गए निर्णय अब फार्मासिस्टों की भविष्यवाणी के लिए नए रास्ते खोल सकते हैं, और यह फार्मेसी क्षेत्र में विकास के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।