Patna Tribal Sammelan: दानापुर में गोंड समाज का ऐतिहासिक महासम्मेलन, 16 राज्यों के नेताओं का हुआ सम्मान
पटना दानापुर में आयोजित अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के राष्ट्रीय महासम्मेलन में 16 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का सम्मान किया गया। गोंडी नृत्य और पारंपरिक स्वागत ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।

रविवार का दिन गोंड समाज के लिए इतिहास रचने वाला साबित हुआ। अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ की ओर से आयोजित राष्ट्रीय महा सम्मेलन एवं नागरिक अभिनंदन समारोह में देशभर से हजारों लोग जुटे। यह आयोजन पटना के दानापुर स्थित पनाश बैंक्वेट हॉल में हुआ, जहां 16 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे श्री डॉ. फग्गन सिंह कुलस्ते, जो वर्तमान में लोकसभा सांसद और अनुसूचित जनजाति एवं जनजातीय कल्याण से जुड़ी संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं। मंच की शोभा बढ़ाई बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री अर्जुन प्रसाद ने, जिनके नेतृत्व में यह विशाल सम्मेलन संभव हो पाया।
गोंडी परंपरा और बाजे-गाजे के साथ स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत गोंडी समाज की पारंपरिक विधियों से की गई। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्री गुरु चरण नायक और जमशेदपुर जिला अध्यक्ष श्री दिनेश साह गोंड अपने दल-बल के साथ पहुंचे। इनके साथ प्रदेश महामंत्री लक्ष्मण नायक, बॉबी साह, उमेश साह, सोहन साह, तैमुर से, राम नगीना गोंड सहित अन्य सदस्यों का स्वागत हुड़को के बाजा और गोंडी नृत्य के साथ किया गया। ढोल-नगाड़ों और परंपरागत गीतों से हॉल गूंज उठा और उपस्थित लोगों में उत्साह का माहौल बन गया।
इतिहास से सीख, भविष्य की ओर कदम
गोंड समाज भारत की प्राचीनतम आदिवासी समुदायों में से एक है, जिनका उल्लेख इतिहास के कई पन्नों में मिलता है। यह समाज अपनी संस्कृति, परंपराओं और वीरता के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन आधुनिक समय में गोंड समाज को एकजुट करने और नई पीढ़ी को उसकी जड़ों से जोड़ने की चुनौती हमेशा बनी रही। इसी पृष्ठभूमि में पटना का यह सम्मेलन गोंड समाज के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।
नेताओं का हुआ भव्य सम्मान
सम्मेलन के दौरान मंच पर 16 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को सम्मानित किया गया। खास तौर पर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष गुरु चरण नायक, जमशेदपुर जिला अध्यक्ष दिनेश साह गोंड और उनकी टीम को सराहना मिली। बिहार प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने कहा कि गोंड समाज पूरे भारत में बड़ी संख्या में है और यदि यह समाज एकजुट होकर आगे बढ़े, तो अपनी पहचान और अधिकारों को और मजबूती से स्थापित कर सकता है।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी इसमें शामिल हुईं। महिलाओं की भागीदारी ने यह संदेश दिया कि गोंड समाज के विकास और एकता में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।
सम्मेलन की व्यवस्थाएँ और संचालन
कार्यक्रम का संचालन श्री ललन साह ने किया। उपस्थित लोगों के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था भी की गई थी। हजारों की भीड़ को देखते हुए आयोजन समिति ने व्यवस्थाओं को बखूबी संभाला, जिसकी प्रशंसा सभी ने की। अंत में बिहार प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
एकता का संदेश
इस राष्ट्रीय महा सम्मेलन से गोंड समाज को यह संदेश मिला कि चाहे वे किसी भी राज्य में रहते हों, उनकी जड़ें एक ही संस्कृति और पहचान से जुड़ी हैं। कार्यक्रम ने यह साबित किया कि यदि समाज एकजुट रहे, तो उसका विकास और अधिकारों की रक्षा स्वतः सुनिश्चित होगी।
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