Jamshedpur Celebration: बारिश में भी इंद्रलोक थीम वाले दुर्गा पंडाल में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़!
जमशेदपुर बागबेड़ा कॉलोनी का दुर्गा पूजा पंडाल इस बार "इंद्रलोक" की थीम पर सजा है। बारिश के बावजूद उद्घाटन समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। 1962 से चली आ रही इस परंपरा का इतिहास भी खास है।

जमशेदपुर शहर हमेशा से दुर्गा पूजा की भव्यता और कला-संस्कृति के लिए चर्चित रहा है। यहां के पंडाल न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र होते हैं, बल्कि कला और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी पेश करते हैं। इस बार बागबेड़ा कॉलोनी का श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल पूरे इलाके का मुख्य आकर्षण बन गया है। वजह है इसका अनोखा “इंद्रलोक थीम”।
उद्घाटन का भव्य नजारा
गुरुवार को आयोजित उद्घाटन समारोह में बारिश लगातार हो रही थी, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था ने मौसम को मात दे दी। हजारों की संख्या में भक्तगण, स्थानीय लोग और बच्चे उमड़ पड़े। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वी के विधायक सरजू राय और सांसद विद्युत वरण महतो ने संयुक्त रूप से फीता काटकर और पूजा-अर्चना कर किया।
इस मौके पर भाजपा की पूर्व प्रत्याशी मीरा मुंडा, प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह समेत कई प्रमुख चेहरे मौजूद रहे। संस्था के अध्यक्ष सी.एस.पी. सिंह और आयोजन समिति की पूरी टीम ने इस पंडाल को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
“इंद्रलोक” की झलक
पंडाल का डिजाइन ऐसा है मानो आप स्वर्गलोक में प्रवेश कर गए हों। स्पंज, टिशू पेपर, कटोरी, पुआल और कपड़े का अनोखा संगम यहां देखने को मिलता है। कलाकारों ने बारीकी से हर हिस्से को सजाया है। खासकर, पंडाल के भीतर देवी दुर्गा की प्रतिमा के चारों ओर बना दृश्य इंद्रलोक का अद्भुत अहसास कराता है।
शाम होते ही जब रंग-बिरंगी रोशनियों की जगमगाहट इस थीम पर पड़ती है, तो पूरा पंडाल किसी चलचित्र की तरह जीवंत हो उठता है।
1962 से चली आ रही परंपरा
बागबेड़ा कॉलोनी में यह दुर्गा पूजा महज एक आयोजन नहीं, बल्कि 1962 से चली आ रही एक परंपरा है। उस समय कुछ स्थानीय परिवारों और युवाओं ने मिलकर सार्वजनिक दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे यह पूजा पूरे इलाके की पहचान बन गई। हर साल कुछ नया और अनोखा करने की परंपरा ने इस पूजा को खास बना दिया है।
स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि शुरुआती वर्षों में साधारण पंडाल और मिट्टी की प्रतिमा हुआ करती थी। लेकिन आज तकनीक और रचनात्मकता का मेल इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित कर रहा है।
सांसद का संदेश
उद्घाटन समारोह में सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा – “दुर्गा पूजा शक्ति की आराधना है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और समाज में शांति व समृद्धि का संदेश देता है। मां दुर्गा सभी परिवारों को सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करें।”
उनके संबोधन के दौरान बारिश की बूंदों के बीच श्रद्धालु “जय मां दुर्गा” के जयकारे लगाते रहे। यह दृश्य बताता है कि आस्था और उत्साह के आगे मौसम की कोई बाधा नहीं टिक सकती।
आयोजन समिति की मेहनत
पूजा कमेटी के लाइसेंसी राजेश सिंह, संयोजक अशोक दूबे, अध्यक्ष अंशुल कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष किरण सिंह और कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव समेत पूरी टीम ने इस पंडाल को साकार करने में दिन-रात मेहनत की।
युवा सदस्य अमन तिवारी, सौरव सिंह, राहुल साहू, आशीष श्रीवास्तव और उनकी टीम ने “इंद्रलोक” की सजावट को अंतिम रूप दिया। पंडाल बनाने में पर्यावरण अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जो आज की जरूरत भी है।
भीड़ और उत्साह
सुबह से ही हो रही बारिश ने माहौल को ठंडा जरूर किया, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। बच्चे पंडाल की सजावट देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे थे, वहीं महिलाएं पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थीं।
स्थानीय दुकानों और बाजारों में भी रौनक दिखाई दी। मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर बच्चों की भीड़ लगी रही।
आकर्षण का केंद्र
“इंद्रलोक” थीम का यह पंडाल न सिर्फ जमशेदपुर, बल्कि आसपास के इलाकों के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है। शाम होते ही यहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है और पूरा इलाका रोशनी और श्रद्धा से जगमगा उठता है।
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