Jamshedpur Loot: 30 लाख की सनसनीखेज लूट का मास्टरमाइंड चंदन मंडल आखिरकार गिरफ्तार!

जमशेदपुर की सबसे चर्चित 30 लाख की लूटकांड का खुलासा हो गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी चंदन मंडल को बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार कर लिया है। जानिए कैसे बनी यह वारदात और आखिरकार कैसे पहुंचा मास्टरमाइंड सलाखों के पीछे।

Sep 27, 2025 - 13:43
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Jamshedpur Loot: 30 लाख की सनसनीखेज लूट का मास्टरमाइंड चंदन मंडल आखिरकार गिरफ्तार!
Jamshedpur Loot: 30 लाख की सनसनीखेज लूट का मास्टरमाइंड चंदन मंडल आखिरकार गिरफ्तार!

जमशेदपुर शहर, जो औद्योगिक नगरी और टाटा स्टील की पहचान से दुनिया भर में जाना जाता है, पिछले कुछ हफ्तों से एक सनसनीखेज लूटकांड की वजह से सुर्खियों में था। 4 सितम्बर को बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड पर दिन-दहाड़े कारोबारी साकेत अग्रवाल से 30 लाख रुपये से भरा बैग छीन लिया गया। यह घटना इतनी साहसिक थी कि शहर के लोग हतप्रभ रह गए।

लूटकांड की गुत्थी और मास्टरमाइंड की तलाश

पुलिस जांच में सामने आया कि इस वारदात का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि चंदन कुमार मंडल उर्फ सौरभ उर्फ चंदू था। चंदन का आपराधिक बैकग्राउंड कोई नया नहीं है। अदित्यपुर सालडीह बस्ती का रहने वाला यह शख्स पहले भी छोटे-बड़े अपराधों में शामिल रह चुका था। हालांकि, 30 लाख रुपये की यह लूट उसकी अब तक की सबसे बड़ी वारदात मानी जा रही है।

वारदात के दिन चंदन ने न सिर्फ बैग छीना बल्कि अपने गिरोह के साथियों के साथ पूरी योजना के तहत भागने का रास्ता भी तय कर रखा था। लूट के बाद सभी आरोपी इनोवा गाड़ी से अदित्यपुर के राममढ़िया बस्ती पहुंचे, यहां पांच मिनट तक छिपकर रुके और फिर राजनगर की ओर फरार हो गए।

गिरोह की रणनीति और पुलिस की चुनौती

जमशेदपुर पुलिस के सामने यह चुनौती थी कि इतनी बड़ी रकम की लूट के पीछे कौन लोग हैं और वे कहां छिपे हैं। शुरुआती जांच में तकनीकी सर्विलांस और मानवीय खुफिया सूत्रों से पता चला कि मुख्य आरोपी चंदन मंडल अपने हिस्से के 5 लाख रुपये लेकर सीधे अपने पैतृक गांव मुंगेर भाग गया था।

यहां से पुलिस टीम ने लगातार पीछा करना शुरू किया। बिहार और झारखंड की सीमाओं पर समन्वय कर छापेमारी अभियान चलाया गया। आखिरकार, मुंगेर जिले के धपरी शामपुर से चंदन को दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके पास से 50 हजार रुपये नकद भी बरामद किए।

गिरोह की पूरी कहानी

इससे पहले 12 सितम्बर को पुलिस ने चार अन्य अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह लंबे समय से कारोबारी वर्ग को निशाना बना रहा था। चंदन न सिर्फ वारदात की योजना बनाता बल्कि मौके पर सबसे आगे रहकर कार्रवाई करता था। इस बार भी साकेत अग्रवाल से बैग छीनने वाला वही था।

जांच में यह भी पता चला कि अपराधियों ने लूट के तुरंत बाद रकम आपस में बांट ली थी। चंदन को 5 लाख रुपये मिले, बाकी रकम दूसरे साथियों के बीच बंटी। हालांकि पुलिस को अंदेशा है कि अब भी लूटी गई पूरी रकम बरामद नहीं हो सकी है।

ऐतिहासिक संदर्भ – जमशेदपुर में संगठित अपराध

जमशेदपुर, जहां टाटा स्टील की वजह से देश-विदेश के कारोबारी आते-जाते रहते हैं, हमेशा से अपराधियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। 90 के दशक में यह शहर गैंगवार और अपहरण उद्योग के लिए कुख्यात रहा। धीरे-धीरे पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसकर शहर को अपेक्षाकृत सुरक्षित बनाया, लेकिन इस लूटकांड ने एक बार फिर पुराने दौर की याद ताजा कर दी।

पुलिस की जीत और लोगों की राहत

चंदन मंडल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि अब पूरे मामले का पर्दाफाश हो चुका है और चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। थाना प्रभारी आलोक कुमार दूबे ने बताया कि मास्टरमाइंड के सलाखों के पीछे जाने के बाद अब इस गिरोह के फिर से सक्रिय होने की संभावना लगभग खत्म हो गई है।

शहरवासियों ने पुलिस की इस सफलता पर राहत की सांस ली है। कारोबारी वर्ग, जो इस घटना के बाद डरा-सहमा हुआ था, अब धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।