Jamshedpur Accident: टाटा स्टील गेट पर बाल-बाल बचे लोग, ओवरटेक ने बनाया खतरा!
जमशेदपुर के टाटा स्टील गेट के पास बड़ा हादसा टल गया। तेज रफ्तार बोलेरो की लापरवाह ओवरटेकिंग और ट्रक का टायर ब्लास्ट होने से दुर्घटना हुई। जानिए पूरा मामला और लोगों की प्रतिक्रिया।

शनिवार तड़के जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र में एक ऐसा हादसा हुआ जिसने कुछ पल के लिए पूरे इलाके की सांसें रोक दीं। टाटा स्टील गेट के पास तेज रफ्तार से जा रहा आयरन मिट्टी लदा ट्रक अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे की वजह बनी एक बोलेरो की लापरवाह ओवरटेकिंग और ट्रक के टायर का ब्लास्ट होना। गनीमत रही कि इस दुर्घटना में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, वरना दृश्य बेहद भयावह हो सकता था।
हादसे का रोमांचक पल
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक ओडिशा के क्योंझर से दुर्गापुर जा रहा था। जैसे ही वह टाटा स्टील गेट के पास पहुंचा, बोलेरो वाहन ने अचानक ओवरटेक करने की कोशिश की। ड्राइवर ने टक्कर से बचने के लिए गाड़ी मोड़ी, लेकिन उसी क्षण ट्रक का टायर जोरदार धमाके के साथ फट गया। संतुलन बिगड़ते ही भारी-भरकम ट्रक सीधे डिवाइडर पर चढ़ गया। आसपास मौजूद लोग चीख उठे कि अब कोई बड़ी दुर्घटना होने वाली है, लेकिन चमत्कारिक रूप से ड्राइवर सुरक्षित बच गया।
सड़क पर अफरा-तफरी और राहत की सांस
घटना के समय सुबह-सुबह सड़क पर ज्यादा गाड़ियां नहीं थीं, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अगर उसी समय ट्रैफिक भारी होता, तो यह हादसा एक त्रासदी में बदल सकता था। सूचना पाते ही जुगसलाई थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और क्रेन मंगवाकर ट्रक को सड़क से हटवाया। कुछ ही समय में यातायात सामान्य हो गया और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
ड्राइवर की आपबीती
ट्रक चालक ने बताया कि हादसे का असली कारण बोलेरो की लापरवाह ड्राइविंग थी। अगर वह वाहन सही तरीके से ओवरटेक करता तो शायद यह स्थिति ही नहीं बनती। चालक ने कहा, “हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की कि किसी की जान न जाए। गाड़ी भारी थी, टायर ब्लास्ट हुआ और अचानक हादसा हो गया।”
रफ्तार और लापरवाही – एक पुरानी समस्या
जमशेदपुर ही नहीं, पूरे झारखंड और देशभर की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। आंकड़ों की मानें तो हर साल देश में करीब 1.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं ओवरटेकिंग, ओवरस्पीड और तकनीकी लापरवाही की वजह से होती हैं।
जमशेदपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में आए दिन ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं। भारी वाहनों का आवागमन, खराब सड़कें और बेपरवाह चालकों की आदतें मिलकर सड़क सुरक्षा को एक बड़ा सवाल बना देती हैं।
रेलवे और इंडस्ट्रियल टाउन का इतिहास
जमशेदपुर को ‘इस्पात नगरी’ कहा जाता है। टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनी के कारण यहां भारी वाहनों की आवाजाही हमेशा बनी रहती है। ऐतिहासिक रूप से यह शहर उद्योग और परिवहन का केंद्र रहा है, लेकिन इसी कारण सड़क हादसों की संभावना भी अधिक रहती है। कई बार प्रशासन ने ट्रैफिक सुधार के लिए अभियान चलाए हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है।
लोगों का आक्रोश और प्रशासन की जिम्मेदारी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर दिन इस क्षेत्र में भारी वाहन गुजरते हैं और सड़कें संकरी होने के कारण हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है। उनका आरोप है कि पुलिस और परिवहन विभाग केवल हादसा होने के बाद ही सक्रिय होते हैं। अगर समय रहते रफ्तार पर लगाम लगाई जाए और ओवरलोडिंग-ओवरस्पीडिंग पर कड़ी कार्रवाई हो, तो ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं।
यह हादसा भले ही बड़ा नुकसान नहीं कर सका, लेकिन इसने एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के खतरों को उजागर कर दिया है। ट्रक का टायर ब्लास्ट होना और बोलेरो की गलत ओवरटेकिंग यह दिखाता है कि सड़क पर ज़रा-सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। प्रशासन और चालकों दोनों को जिम्मेदारी समझनी होगी, वरना अगली बार गनीमत शायद न हो।
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