Palamu Raid: अवैध शराब का जखीरा! 550 गैलन स्प्रिट और 100 पेटी शराब बरामद
पलामू जिले में उत्पाद विभाग ने अवैध शराब के बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। 550 गैलन स्प्रिट और 100 पेटी अंग्रेजी शराब जब्त, बिहार तस्करी की थी तैयारी!

पलामू, नौडीहा बाजार: झारखंड के पलामू जिले में अवैध शराब माफियाओं पर उत्पाद विभाग ने बड़ा शिकंजा कस दिया है। नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर पंचायत के महुअरी गांव में एक नवनिर्मित मकान से 550 गैलन स्प्रिट और 100 से अधिक पेटी अंग्रेजी शराब जब्त की गई है। इस छापेमारी में धीरज सिंह समेत एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे पकड़ा गया यह शराब का जखीरा?
उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि महुअरी गांव में बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाई और बेची जा रही है। इसके बाद विभाग की टीम ने छापेमारी की, जहां 40 लीटर कच्चा स्प्रिट से भरे 550 गैलन और 100 से अधिक अंग्रेजी शराब की पेटियां बरामद हुईं।
स्प्रिट की कीमत: ₹10,000 प्रति गैलन
कुल शराब की कीमत: ₹13 लाख से अधिक
मकान मालिक धीरज सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पूरे गिरोह की जांच जारी है।
क्या बिहार जा रही थी यह शराब?
पलामू का नौडीहा बाजार इलाका बिहार की सीमा से सटा हुआ है। बिहार में शराबबंदी के कारण अवैध शराब माफिया झारखंड से बिहार में शराब सप्लाई कर मोटा मुनाफा कमाते हैं।
शराब के इस जखीरे की बरामदगी के बाद आशंका जताई जा रही है कि इसे बिहार भेजने की तैयारी चल रही थी।
यह पहली बार नहीं है जब पलामू में अवैध शराब पकड़ी गई हो।
सिर्फ एक दिन पहले छतरपुर थाना क्षेत्र के चराई पंचायत से भी ₹2 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब जब्त की गई थी।
शराब तस्करी का काला इतिहास!
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद वहां हर साल हजारों लीटर शराब पकड़ी जाती है।
2018 में बिहार पुलिस ने खुलासा किया था कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल से अवैध शराब बिहार में लाई जा रही थी।
2021 में झारखंड के देवघर में 50 लाख रुपये की अवैध शराब जब्त हुई थी, जो बिहार भेजी जानी थी।
पलामू, गढ़वा, लातेहार और चतरा जिलों से हर महीने हजारों लीटर शराब बिहार भेजी जाती है।
इस पूरे नेटवर्क में कई बड़े सिंडिकेट जुड़े होते हैं, जो गरीब मजदूरों को लालच देकर शराब बनाने का काम करवाते हैं।
अब क्या होगी कार्रवाई?
उत्पाद अधीक्षक संजीत कुमार देव ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश जल्द किया जाएगा।
पुलिस ने पूरे इलाके में शराब माफियाओं पर नजर रखने के लिए विशेष टीम बनाई है।
बिहार बॉर्डर पर चेकिंग बढ़ाई जा रही है, ताकि अवैध शराब की तस्करी रोकी जा सके।
जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी हो सकती है।
शराब माफियाओं का खेल कब रुकेगा?
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद हर साल कई करोड़ की अवैध शराब पकड़ी जाती है।
शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है, क्योंकि झारखंड, बंगाल और नेपाल से शराब तस्करी धड़ल्ले से जारी है।
जब तक प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक यह काला कारोबार नहीं रुकेगा।
आपकी राय?
क्या सिर्फ छापेमारी से शराब तस्करी खत्म होगी, या सरकार को कोई और सख्त कदम उठाने चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं!
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