Saraikela Illegal Sand Seized: सरायकेला में अवैध बालू खनन पर प्रशासन का सख्त रुख, क्या है इस अभियान की असली वजह?

जानिए सरायकेला में अवैध बालू खनन के खिलाफ प्रशासन ने कैसे अवैध बालू लदी हाइवा और ट्रैक्टर जब्त किए और यह अभियान किस दिशा में जा रहा है।

Jan 10, 2025 - 11:53
 0
Saraikela Illegal Sand Seized: सरायकेला में अवैध बालू खनन पर प्रशासन का सख्त रुख, क्या है इस अभियान की असली वजह?
Saraikela Illegal Sand Seized: सरायकेला में अवैध बालू खनन पर प्रशासन का सख्त रुख, क्या है इस अभियान की असली वजह?

Saraikela, January 10, 2025 – झारखंड के सरायकेला और कांड्रा में अवैध बालू खनन के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन का खुलासा हुआ है। जिला खनन पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने शुक्रवार तड़के अवैध बालू लदी एक हाइवा और ट्रैक्टर को जब्त किया। इस अभियान को जिले में बालू की अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर नियंत्रण लगाने के लिए शुरू किया गया था। आइए जानते हैं, इस ऑपरेशन के पीछे क्या कहानी है और प्रशासन इस पर कैसे नकेल कसने की तैयारी कर रहा है।

अवैध बालू लदी हाइवा और ट्रैक्टर की जब्ती

जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथी के नेतृत्व में शुक्रवार तड़के कांड्रा थाना क्षेत्र के पिंड्राबेरा में एक अवैध बालू लदी हाइवा (नंबर जेएच05बीडब्ल्यू-0112) को जब्त किया गया। इस हाइवा के चालक से जब कागजात मांगे गए तो वह कागजात नहीं दिखा सका। इसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हाइवा को जब्त कर लिया और उसे कांड्रा थाना के हवाले कर दिया। यह पूरी कार्रवाई अवैध बालू खनन के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीति को दर्शाती है।

इसी कड़ी में, सरायकेला थाना क्षेत्र के कोलेबिरा में एक अवैध बालू लदी ट्रैक्टर को भी जब्त किया गया। यह ट्रैक्टर भी बिना किसी वैध दस्तावेज के चल रहा था, जिसके चलते इसे भी जब्त कर सरायकेला थाना को सुपुर्द कर दिया गया। प्रशासन की इस सख्ती से स्थानीय क्षेत्र में हलचल मच गई है, और अब लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आगे और क्या कदम उठाए जाएंगे।

सरायकेला में अवैध बालू खनन की बढ़ती समस्या

सरायकेला जिले में अवैध बालू खनन एक गंभीर समस्या बन गई थी। यहां की नदियों और बालू घाटों से हो रहा अवैध खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक था, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। कई बार, इस मामले में शिकायतें भी आई थीं, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के कारण इस पर रोक नहीं लग पाई थी।

हालांकि, अब जिला प्रशासन और खनन विभाग ने इस पर कड़ी नजर रखी है और अवैध खनन के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। उपायुक्त के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बालू खनन से जुड़े सभी अवैध गतिविधियों पर जल्द से जल्द काबू पाया जाए।

खनन विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई

खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान सिर्फ शुरुआत है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। ज्योति शंकर सतपथी ने कहा कि इस अभियान के तहत कांड्रा और सरायकेला जैसे इलाकों में अवैध खनन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। साथ ही, इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो अवैध तरीके से बालू का खनन कर उसे बाजार में बेचने का प्रयास कर रहे हैं।

पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभाव

अवैध बालू खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह क्षेत्र की जलवायु और जल स्रोतों को भी प्रभावित करता है। इसके साथ ही, यह स्थानीय व्यवसायों को भी नुकसान पहुंचाता है। अवैध खनन से मिलने वाली बालू को जब खुले बाजार में बेचा जाता है, तो इसके कारण बालू की कीमत में अनियंत्रित वृद्धि होती है, जिससे निर्माण कार्यों में परेशानी आती है।

सरायकेला में इस अभियान की सफलता का क्या होगा असर?

इस अभियान के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन इस पर पूरी तरह काबू पाने में सफल हो पाएगा। क्या स्थानीय लोग और खनन माफिया इस बदलाव के लिए तैयार होंगे? सरायकेला में इस कार्रवाई के प्रभाव से इलाके के लोग, खासकर निर्माण उद्योग में कार्यरत श्रमिकों को राहत मिलने की संभावना है। इसके अलावा, यह कदम पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow