New Delhi Project: पैन 2.0 से होगा डिजिटल इंडिया का सपना साकार, करदाताओं को मिलेंगी बड़ी सुविधाएं

केंद्र सरकार ने 1,435 करोड़ रुपये की पैन 2.0 परियोजना शुरू की, जो पैन को सभी सरकारी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य कारोबारी पहचानकर्ता बनाएगी। जानिए इसके प्रमुख फायदे।

Nov 26, 2024 - 13:35
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New Delhi Project:  पैन 2.0 से होगा डिजिटल इंडिया का सपना साकार, करदाताओं को मिलेंगी बड़ी सुविधाएं
New Delhi Project: पैन 2.0 से होगा डिजिटल इंडिया का सपना साकार, करदाताओं को मिलेंगी बड़ी सुविधाएं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में सरकार ने 1,435 करोड़ रुपये की पैन 2.0 परियोजना को मंजूरी दी है। इस कदम से स्थायी खाता संख्या (PAN) को सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए 'सामान्य कारोबारी पहचानकर्ता' बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

क्या है पैन 2.0 परियोजना?

इस परियोजना के जरिए मौजूदा पैन/टैन प्रणाली को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त किया जाएगा। इसे एक ई-गवर्नेंस परियोजना के तौर पर लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य करदाताओं को बेहतर, तेज और पर्यावरण-अनुकूल सेवाएं प्रदान करना है।

क्या होंगे पैन 2.0 के फायदे?

  1. आंकड़ों का एकल स्रोत: पैन 2.0 परियोजना आंकड़ों को एकीकृत और सुरक्षित करेगी।
  2. डिजिटल प्रणालियों का समन्वय: पैन को सभी सरकारी डिजिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे यह सभी के लिए एक कॉमन आइडेंटिफायर बनेगा।
  3. पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रिया: इस परियोजना के तहत कागज रहित प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
  4. किफायती और तेज सेवा: यह प्रणाली सेवा वितरण की लागत को कम करेगी और प्रक्रिया को तेज बनाएगी।
  5. डिजिटल सुरक्षा: परियोजना बुनियादी ढांचे को सुरक्षित और उन्नत बनाएगी, जिससे डेटा का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।

इतिहास और मौजूदा स्थिति

भारत में स्थायी खाता संख्या (PAN) पहली बार 1972 में लागू हुई थी। तब इसे सिर्फ करदाताओं की पहचान के लिए उपयोग किया जाता था। धीरे-धीरे, इसे अन्य सरकारी सेवाओं और आर्थिक लेन-देन के लिए आवश्यक बनाया गया। वर्तमान में 78 करोड़ पैन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत व्यक्तिगत पैन हैं।

पैन 2.0 क्यों है खास?

पैन 2.0 परियोजना डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 प्रणाली का उन्नत संस्करण होगा, जो न केवल करदाताओं को पंजीकरण की सुविधा देगा, बल्कि कर अनुपालन को भी आसान बनाएगा।

कैसे बदलेगी करदाताओं की जिंदगी?

पैन 2.0 परियोजना से करदाताओं को डिजिटल अनुभव बेहतर मिलेगा। यह प्रणाली करदाता पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाएगी और कर अनुपालन से संबंधित सेवाओं को तेज और पारदर्शी बनाएगी। साथ ही, यह प्रणाली करदाताओं को सभी सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगी।

सरकार का दृष्टिकोण

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन 2.0 परियोजना का मुख्य उद्देश्य डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देना और करदाता पंजीकरण को पूरी तरह तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।

पैन 2.0 परियोजना सिर्फ एक तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि यह भारत को डिजिटल आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके माध्यम से न केवल करदाताओं को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कुशलता भी आएगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।