Chakradharpur Celebration: संविधान दिवस पर DRM ने दिलाई न्याय, स्वतंत्रता और समानता की शपथ
चक्रधरपुर रेलवे मंडल कार्यालय में संविधान दिवस मनाया गया। DRM अरुण जटोह राठौड़ ने अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान की मूल भावना को बनाए रखने की शपथ दिलाई।
आज, 26 नवंबर को, चक्रधरपुर रेलवे मंडल कार्यालय में संविधान दिवस पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। यह दिन 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है, जो भारतीय लोकतंत्र का मूल आधार है। सुबह 11:00 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
DRM का संबोधन: संविधान की भूमिका पर जोर
कार्यक्रम की शुरुआत मंडल रेल प्रबंधक (DRM) अरुण जटोह राठौड़ के प्रेरणादायक भाषण से हुई। उन्होंने भारतीय संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल सरकार और संस्थानों के कामकाज का आधार है, बल्कि हर नागरिक और कर्मचारी के कर्तव्यों और अधिकारों को भी परिभाषित करता है।
राठौड़ ने कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों में संविधान की भावना को आत्मसात करें। उन्होंने कहा,
“संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय पहचान, हमारे अधिकार और हमारे कर्तव्यों का प्रतीक है। रेलवे कर्मचारियों के रूप में, हमारा दायित्व है कि हम देश के विकास और एकता को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएं।”
संविधान की शपथ: आदर्शों का पालन करने का संकल्प
DRM के संबोधन के बाद, सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने संविधान के मूल आदर्शों - न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और बंधुता को बनाए रखने की शपथ ली। यह शपथ संविधान की गहराई और इसकी सार्वभौमिकता को रेखांकित करती है।
संविधान दिवस का इतिहास और महत्व
संविधान दिवस, जिसे राष्ट्रीय कानून दिवस भी कहा जाता है, पहली बार 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाए गए संविधान को सम्मानित करने के लिए मनाया गया था। भारत का संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। यह न केवल सरकार की संरचना को परिभाषित करता है, बल्कि नागरिकों को उनके अधिकार और कर्तव्य भी प्रदान करता है।
भारतीय रेल, जो देश की जीवनरेखा है, ने हमेशा संविधान के मूल्यों को अपने कार्यों में स्थान दिया है। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि रेलवे न केवल एक सेवा प्रदाता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण का अभिन्न हिस्सा भी है।
रेलवे और संविधान: राष्ट्र निर्माण में भूमिका
रेलवे कर्मचारी, देश के सबसे बड़े कार्यबलों में से एक, संविधान के मूल्यों को अपने दैनिक कार्यों में लागू करते हैं। DRM राठौड़ ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे की सफलता टीमवर्क, समानता और राष्ट्रीय एकता पर निर्भर करती है।
संविधान दिवस का यह कार्यक्रम रेलवे के प्रति जनता के विश्वास को और मजबूत करता है, क्योंकि यह न केवल यात्रा और परिवहन का माध्यम है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और समृद्धि का प्रतीक भी है।
कार्यक्रम का संदेश
यह कार्यक्रम भारतीय संविधान के आदर्शों को न केवल याद रखने, बल्कि अपने कार्यों में लागू करने की प्रेरणा देता है। DRM के नेतृत्व में इस आयोजन ने यह सुनिश्चित किया कि रेलवे कर्मचारी अपनी भूमिका को केवल एक नौकरी के रूप में न देखें, बल्कि इसे देश की प्रगति में योगदान देने का माध्यम मानें।
संविधान दिवस के इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि हर नागरिक, विशेष रूप से सरकारी संस्थानों में काम करने वाले, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय रेलवे, जो हर दिन लाखों लोगों को जोड़ता है, संविधान के मूल्यों को अपने कार्यों में प्रतिबिंबित करके राष्ट्रीय एकता और समृद्धि को आगे बढ़ाने में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
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