Jamshedpur Meeting: विवेकानंद जयंती और स्वर्णरेखा महोत्सव की तैयारियों में लगी पूरी टीम, क्या कुछ होगा खास?
जमशेदपुर में विवेकानंद जयंती और स्वर्णरेखा महोत्सव की तैयारी, जानें क्या होंगे इस साल के खास आयोजन!

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जमशेदपुर, 10 जनवरी 2025: जमशेदपुर में स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक बिष्टुपुर में आयोजित हुई, जिसमें 12 जनवरी को मनाए जाने वाले विवेकानंद जयंती और 14 जनवरी को होने वाले स्वर्णरेखा महोत्सव के आयोजन की विस्तृत योजना बनाई गई। यह बैठक स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी अशोक गोयल की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें शहर के कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया। इस बैठक ने इन दो प्रमुख आयोजनों को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत और उत्साह से भरी तैयारियों को उजागर किया।
विवेकानंद जयंती: स्वामी विवेकानंद के जीवन को श्रद्धांजलि
बैठक में यह तय किया गया कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती का आयोजन भुवनेश्वरी देवी मंदिर के पास स्थित स्वामी विवेकानंद उद्यान, टेल्को में किया जाएगा। सुबह 10 बजे स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम होगा, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकत्रित होंगे। इसके बाद साढ़े 10 बजे एक बौद्धिक विमर्श का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना और उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करना है।
स्वर्णरेखा महोत्सव: मकर संक्रांति के मौके पर रचनात्मकता और संस्कृति का उत्सव
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आयोजित होने वाला 20वां स्वर्णरेखा महोत्सव सोनारी के दोमुहानी तट पर मनाया जाएगा। इस महोत्सव की शुरुआत सुबह 10.30 बजे नदी पूजन से होगी, जो स्थानीय संस्कृति और नदी के महत्व को उजागर करेगा। इसके बाद 11 बजे पांडेय घाट, भुईंयाडीह में पूजा का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम स्थानीय समुदाय को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
शाम को 5 बजे बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय के साथ-साथ कई जाने-माने पर्यावरणविद भी शिरकत करेंगे। इस संगोष्ठी में नदी संरक्षण और पर्यावरण पर गहरी चर्चा की जाएगी, जो इस महोत्सव को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देगा।
आयोजन की सफलता के लिए जिम्मेदारियां सौपी गईं
बैठक के दौरान विवेकानंद जयंती और स्वर्णरेखा महोत्सव की तैयारी के लिए विभिन्न व्यक्तियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं। इन जिम्मेदारियों को लेकर बैठक में प्रमुख लोग जैसे आशुतोष राय, इंद्रजीत सिंह, मंजू सिंह, नीरू सिंह, नीरज सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू, आकाश शाह, प्रवीण सिंह, एम. चंद्रशेखर राव, मंकेश्वर चौबे, राजेश कुमार, असीम पाठक, सत्येंद्र सिंह, दिलीप कुमार प्रजापति, अर्जुन यादव, विजय सिंह समेत दर्जनों लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। इन व्यक्तियों ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण का परिचय दिया।
इतिहास और महत्व
स्वामी विवेकानंद की जयंती और स्वर्णरेखा महोत्सव दोनों ही शहर की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व को बढ़ाते हैं। स्वामी विवेकानंद, जिनका संदेश आज भी हमें प्रेरणा देता है, उनकी जयंती हर साल बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। वहीं, स्वर्णरेखा महोत्सव का आयोजन नदी के संरक्षण और स्थानीय पारंपरिक उत्सवों को मनाने का एक शानदार तरीका है। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक उन्नति है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय को जोड़ने का भी काम करता है।
इन दोनों प्रमुख आयोजनों के जरिए जमशेदपुर में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा। स्वामी विवेकानंद की जयंती और स्वर्णरेखा महोत्सव के आयोजन से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। यह आयोजन शहरवासियों के लिए यादगार साबित होगा और आने वाले वर्षों में इसकी लोकप्रियता और बढ़ेगी।
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