Jharkhand exam controversy: जमशेदपुर में चौकीदार परीक्षा को लेकर बवाल! Students को मिला जयराम महतो की पार्टी JKLMP का समर्थन

जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम ने जमशेदपुर में चौकीदार नियुक्ति परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया। जानें पूरी कहानी।

Jan 5, 2025 - 17:38
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Jharkhand exam controversy: जमशेदपुर में चौकीदार परीक्षा को लेकर बवाल! Students को मिला जयराम महतो की पार्टी JKLMP का समर्थन
Jharkhand exam controversy: जमशेदपुर में चौकीदार परीक्षा को लेकर बवाल! Students को मिला जयराम महतो की पार्टी JKLMP का समर्थन

जमशेदपुर जिला मुख्यालय इन दिनों एक बड़े आंदोलन का गवाह बन रहा है। जहां छात्रों ने चौकीदार नियुक्ति परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रखा है, वहीं अब इस आंदोलन को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलने लगा है। खासतौर पर, जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम (झारखंड लिटरेसी और कंवर्जन्स पार्टी) ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। क्या है इस आंदोलन की पूरी कहानी? आइए जानते हैं।

छात्रों का विरोध: चौकीदार परीक्षा को रद्द करने की मांग
पिछले दो दिनों से पूर्वी सिंहभूम जिले के मुख्यालय में छात्रों ने चौकीदार नियुक्ति परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दिया है। छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा में कई तरह की गड़बड़ियां हैं, जिनकी वजह से उनका भविष्य संकट में पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी नहीं है और इसके परिणाम में कई त्रुटियां हैं, जो सीधे-सीधे नियुक्ति घोटाले की तरफ इशारा करती हैं।

राजनीतिक दलों का समर्थन
जहां छात्र पहले अकेले ही अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे, वहीं अब इस विरोध को राजनीतिक समर्थन मिलने लगा है। जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम ने छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। पार्टी के नेता देवेंद्र नाथ महतो ने छात्रों से मिलकर उनकी परेशानियों को सुना और इस आंदोलन को अपने पार्टी के मुद्दे के रूप में स्वीकार किया। महतो ने कहा कि झारखंड में पहले भी बड़े पदों की नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, और अब चौकीदार बहाली में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है।

क्या कहती है पार्टी का नेतृत्व?
देवेंद्र नाथ महतो ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, “हमने देखा है कि झारखंड में हमेशा से बड़े पदों पर नियुक्तियों में विवाद होते रहे हैं, लेकिन अब चौकीदार बहाली में भी कई ऐसी गड़बड़ियां हैं जो सीधे-सीधे घोटाले की ओर इशारा कर रही हैं। इस कारण, कई छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।” महतो ने यह भी कहा कि उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात करके चौकीदार परीक्षा को रद्द करने और नई परीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है।

आंदोलन का असर
चौकीदार परीक्षा को लेकर छात्रों का यह आंदोलन अब न केवल प्रशासन को, बल्कि राजनीतिक दलों को भी झकझोरने वाला बन गया है। जब छात्रों का आंदोलन इस हद तक बढ़ा कि अब उसे राजनीतिक समर्थन मिलने लगा, तो यह सवाल उठता है कि क्या सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगी?

अतीत में विवादों में घिरी नियुक्तियाँ
झारखंड में नियुक्ति प्रक्रियाओं का इतिहास विवादों से भरा रहा है। अक्सर बड़ी पदों की नियुक्तियों में गड़बड़ियां सामने आती रही हैं। ऐसे में अब चौकीदार नियुक्ति परीक्षा पर सवाल उठने से यह स्पष्ट होता है कि छात्रों के बीच एक असंतोष की भावना पनप रही है। इस आंदोलन ने स्थानीय प्रशासन को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है, और यह देखते हुए कि अब राजनीति भी इस आंदोलन में शामिल हो चुकी है, सरकार के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

क्या होगा आगे?
आखिरकार, इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई होगी? क्या प्रशासन छात्रों की मांगों को मानेगा और परीक्षा को रद्द करेगा, या फिर यह आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे और भी बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे, और उन्हें अब राजनीतिक दलों का पूरा समर्थन प्राप्त है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।