Ghatshila Anganwadi : 12 साल से अधूरा आंगनबाड़ी भवन, बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
गुड़ाबांदा के रेड़ुआ आंगनबाड़ी भवन का निर्माण 12 साल से अधूरा पड़ा है। जानिए कैसे बच्चों की पढ़ाई और सेहत पर इसका बुरा असर हो रहा है।
गुड़ाबांदा (Ghatshila) के रेड़ुआ आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की पढ़ाई इस समय एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बीते 12 साल से यहां के आंगनबाड़ी भवन का निर्माण अधूरा पड़ा है, और इस वजह से बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। यह केंद्र जिला परिषद योजना के तहत बनाया जाना था, लेकिन इस परियोजना में हुई लापरवाही ने केंद्र के बच्चों का भविष्य अंधेरे में डाल दिया है।
सिर्फ आधे-अधूरे काम से कैसे भला पूरा हो सकता है भवन?
रेड़ुआ आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण 6 लाख 25 हजार रुपये की लागत से शुरू हुआ था, लेकिन संवेदक ने आधे-अधूरे काम के बाद निर्माण छोड़ दिया और फरार हो गया। अब यह केंद्र न केवल निर्माण कार्य की अधूरी हालत में है, बल्कि इसके अंदर बच्चों की पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण भी नहीं है। भवन में दरवाजे और खिड़कियां नहीं लगी हैं, प्लास्टर नहीं हुआ है, और फर्श की ढलाई भी नहीं की गई है।
पानी रिसता हुआ भवन: बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रही है ठंड
इस अधूरे भवन में पानी रिसता है, और इसकी दीवारों में भी दरारें आ चुकी हैं। बच्चों को इन अधूरी सुविधाओं के बीच पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। विशेष रूप से ठंड के मौसम में, बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, और इससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। बच्चों के बीमार होने का डर हमेशा बना रहता है, क्योंकि ठंड में बिना दरवाजे और खिड़की के ठंड का असर और बढ़ जाता है।
केंद्र सेविका की परेशानी: बच्चों की पढ़ाई में समस्या आ रही है
केंद्र की सेविका कापरा मनी किस्कू और सहायिका सीता रानी हांसदा का कहना है कि पहले वे घर में केंद्र चलाती थीं, लेकिन अब दो साल से अधूरे भवन में बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया, "यहां बहुत परेशानी होती है। ठंड में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं, और जब तक प्रशासन हमारी समस्या का समाधान नहीं करेगा, तब तक बच्चों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर होता रहेगा।"
प्रशासन की लापरवाही: क्या किया जाएगा समाधान?
यह स्थिति न केवल बच्चों की पढ़ाई में विघ्न डाल रही है, बल्कि यह सरकार की योजनाओं और प्रशासन की लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण भी है। इस आंगनबाड़ी केंद्र का अधूरा निर्माण बच्चों के लिए न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न कर रहा है।
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस गंभीर स्थिति में कार्रवाई करेगा, और क्या यह अधूरा भवन बच्चों के लिए एक खतरनाक जगह बन जाएगा? रेड़ुआ आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई मिल सके।
अखिरकार, शिक्षा का भविष्य क्या होगा?
रेड़ुआ में इस अधूरे आंगनबाड़ी भवन के कारण बच्चों का शिक्षा भविष्य संकट में आ गया है। यदि जल्द ही यह निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ, तो यह केंद्र के बच्चों की पढ़ाई में और भी विघ्न डाल सकता है, और स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल सकता है।
अब यह देखना यह है कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस मामले में कब तक कदम उठाएंगे, और रेड़ुआ के बच्चों को एक बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा कब तक मिलेगी।
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