Dhanbad Accident: Wrong Side से आई सरकारी कार ने मारी बाइक को टक्कर, बोर्ड हटाने का मामला बढ़ा रहस्य
धनबाद के गोल बिल्डिंग एट लेन पर जियाडा के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर की कार ने रॉन्ग साइड से बाइक सवार को टक्कर मार दी। घायल बैंककर्मी और घटना के बाद बोर्ड हटाने पर सवाल।
धनबाद के गोल बिल्डिंग एट लेन पर मंगलवार की शाम एक चौंकाने वाली घटना ने प्रशासन और आम जनता दोनों को हिला कर रख दिया। जियाडा (JHARKHAND INDUSTRIAL AREA DEVELOPMENT AUTHORITY) के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर की सरकारी कार (जेएच 15 एन 8464) ने रॉन्ग साइड में तेज गति से आकर बाइक सवार को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में आमाघाटा निवासी बैंककर्मी मनोज कुमार साव गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद कार पर लगे रिजनल डिप्टी डायरेक्टर और झारखंड सरकार के बोर्ड को आनन-फानन में हटा दिया गया।
घटना का विवरण
स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना शाम लगभग साढ़े सात बजे हुई। जियाडा के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर की कार गोविंदपुर से होते हुए एट लेन पहुंची। गाड़ी चालक ने रॉन्ग साइड में तेज गति से गाड़ी दौड़ाई। जैसे ही कार गोल बिल्डिंग की ओर बढ़ रही थी, उसने मेमको मोड़ के पास सामने से आ रही बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक सवार डिवाइडर पर जा गिरा, और गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ गई।
घायल बैंककर्मी की स्थिति
घायल बैंककर्मी मनोज कुमार साव को तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से एसएनएमएमसीएच अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया है।
चालक का फरार होना और रहस्यमय कॉल
घटना के बाद कार चालक तुरंत मौके से फरार हो गया। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची, तो उसने सबसे पहले घायल को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। इसके बाद कार पर लगे बोर्ड और गाड़ी से संबंधित जानकारी एकत्र की जा रही थी। इसी दौरान, एक व्यक्ति वहां पहुंचा और पुलिस के एसआई को फोन पर किसी अधिकारी से बात करवाई। इस फोन कॉल के कुछ समय बाद, गाड़ी पर लगे रिजनल डिप्टी डायरेक्टर के बोर्ड को पुलिस ने हटा दिया।
सवालों के घेरे में पुलिस और प्रशासन
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने अधिकारी से बात करने के बाद बोर्ड को हटवाया, जिससे पूरी घटना पर रहस्य और गहरा गया है।
सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग का मामला
सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग के मामले नए नहीं हैं। इतिहास में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां सरकारी वाहनों को गैर-जिम्मेदार तरीके से चलाया गया, और दुर्घटनाओं के बाद उन्हें दबाने की कोशिश की गई। यह घटना भी उसी कड़ी का हिस्सा लगती है। सवाल यह है कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी, या इसे भी दबा दिया जाएगा?
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। लोगों का कहना है कि सरकारी अधिकारी और गाड़ी चालक अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
पुलिस की जांच
सरायढेला पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस कॉल डिटेल और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। हालांकि, गाड़ी पर से बोर्ड हटाने और चालक के फरार होने के बाद मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
जिम्मेदारी और जवाबदेही
यह घटना केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह सरकारी गाड़ियों और अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है। आखिर रिजनल डिप्टी डायरेक्टर की गाड़ी रॉन्ग साइड में क्यों थी? क्या इस मामले में शामिल अधिकारी कार्रवाई से बच पाएंगे?
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