Murshidabad Violence: लातों के भूत बातों से नहीं मानते, योगी का बड़ा बयान
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "लातों के भूत बातों से नहीं मानते।" जानिए, बंगाल में बढ़ती अराजकता और योगी के बयान का क्या है असर?

मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिले के भांगड़ में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे पश्चिम बंगाल को हिला कर रख दिया है। इस हिंसा के बाद से स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "लातों के भूत बातों से नहीं मानते, दंगाइयों को डंडे से ही मानना होगा।" सीएम ने यह भी कहा कि जो लोग बांग्लादेश पसंद करते हैं, वे वहां जा सकते हैं, और भारत की धरती पर बोझ नहीं बन सकते।
बंगाल में बढ़ती अराजकता
सीएम योगी ने कहा, "बंगाल जल रहा है और वहां की मुख्यमंत्री चुप हैं। दंगाइयों को शांतिदूत बताकर उन्हें खुली छूट दे दी गई है। अब स्थिति यह है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते।" योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश की घटनाओं का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि "सेक्युलरिज्म" के नाम पर हिंसा और दंगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका आरोप था कि बंगाल सरकार इस हिंसा पर पूरी तरह से मौन है, और जो एक हफ्ते से मुर्शिदाबाद में हो रहा है, उसे लेकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मुर्शिदाबाद की भयावह तस्वीर
मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद की तस्वीर काफी सर्वथा भयावह थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कें जल उठीं, और दुकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ मच गई। मुर्शिदाबाद की सड़कें सुनसान थीं, दुकानें बंद थीं, और लोग अपने घरों के अंदर बंद हो गए थे। वहीं, मालदा जिले में सैकड़ों लोग नदी पार करके शरण लेने पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार, लोग हिंसा के डर से अपनी जान बचाने के लिए भाग गए थे।
अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सीएम का बयान
सीएम योगी ने कहा कि वह मुर्शिदाबाद और अन्य हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए वहां के न्यायालय को धन्यवाद देते हैं, क्योंकि इस कदम से अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है ताकि कोई भी और हिंसा न हो और शांति बहाल की जा सके। हालांकि, सीएम ने कहा कि यह सब कुछ सरकार की तरफ से एक बड़ी चुप्पी के बीच हो रहा है, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी
योगी आदित्यनाथ ने यह भी आरोप लगाया कि इस हिंसा पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस चुप्पी साधे हुए हैं। इन पार्टियों के नेताओं ने इस हिंसा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि वे हमेशा धमकियों का समर्थन कर रहे हैं। सीएम ने कहा, "जो लोग बांग्लादेश की घटनाओं का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें बांग्लादेश ही जाना चाहिए। भारत की धरती पर उनका क्या काम है?" उनका यह बयान बंगाल में बढ़ती अराजकता और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर दी जा रही छूट पर था, जो उनके अनुसार देश के लिए खतरनाक हो सकता है।
क्या बंगाल की स्थिति सुधरेगी?
इस समय, मुर्शिदाबाद और भांगड़ की हिंसा की स्थिति और बंगाल के बाकी हिस्सों में अराजकता की बढ़ती प्रवृत्ति पर पूरे देश की नज़र है। सीएम योगी का यह बयान सख्त कदम उठाने की ओर इशारा करता है, जो पश्चिम बंगाल की स्थिति पर कड़ा प्रहार कर सकता है। बंगाल में हो रही हिंसा और सरकार की प्रतिक्रिया के बीच एक बड़ा सवाल उठता है – क्या बंगाल में अराजकता पर जल्द ही लगाम लगेगी, या यह हालात और बिगड़ेंगे?
पश्चिम बंगाल में होने वाली हिंसा और उसके बाद की घटनाओं ने सांप्रदायिक तकरार को और बढ़ा दिया है। सीएम योगी के बयान के बाद, यह साफ हो गया है कि यदि हिंसा को रोकने के लिए कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तो पूरे राज्य में अराजकता फैल सकती है। बंगाल में शांति और सुरक्षा स्थापित करना अब एक बड़ी चुनौती बन चुका है, और हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक है कि बंगाल सरकार इस संकट से कैसे निपटेगी।
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