मोहन तेरी मोहक सूरत - योगेश आर साहू , महाराष्ट्र

मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन हाथ ये तुझको छूना चाहे जाने क्यों घबराये मन ....

Aug 26, 2024 - 00:00
Aug 26, 2024 - 00:05
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मोहन तेरी मोहक सूरत - योगेश आर साहू , महाराष्ट्र
मोहन तेरी मोहक सूरत - योगेश आर साहू , महाराष्ट्र

मोहन तेरी मोहक सूरत

मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन
हाथ ये तुझको छूना चाहे जाने क्यों घबराये मन 

अपने संग ले आयी मैं श्रृंगार तुम्हारा करने को
जल गंगा और चंदन के संग हार तुम्हारा करने को
मोर पंख बालो में लगाने खुद को क्यों तड़पाये मन
मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन

अंगिया अपने हाथों से बुनी है मैने मलमल की
बुनते बुनते दिल ने मेरे फिर वही एक हलचल की
श्याम ये तेरी श्यामल काया छूकर न खो जाये मन 
मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन

इसी खयाल से कब तक अपने दिल को मैं बेज़ार करू
चलो मूंद कर आंखे अपनी क्यों न मैं श्रृंगार करू 
छूकर तुझको हाथ ये मेरे मन ही मन हर्षाये मन
मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन

मोहन तुझको छूने से दिल की बगिया खिल गयी हैं
सारे संसार की मानो मुझको खुशियां मिल गयी हैं
परवाह नही मुझे अब जिये या मर जाये मन
मोहन तेरी मोहक सुरत देख देख ललचाये मन

योगेश रामदुलार शाहू 
नागपुर महाराष्ट्र

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।