Jharkhand Weather: बंगाल की खाड़ी से उठे लो-प्रेशर ने बढ़ाई मुश्किलें, 12 जिलों में अलर्ट जारी
झारखंड में 4 अक्टूबर तक मौसम खराब रहने का अनुमान। बंगाल की खाड़ी से बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण 12 जिलों में भारी बारिश और ठंडी हवाओं का अलर्ट। तापमान 2-4 डिग्री तक गिरेगा।

झारखंड का मौसम एक बार फिर करवट ले रहा है। दुर्गा पूजा की उमंगों के बीच बारिश और ठंडी हवाओं ने लोगों को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 4 अक्टूबर तक राज्य का मौसम खराब रहेगा। इस दौरान कहीं तेज बारिश, कहीं गरज-चमक के साथ वज्रपात और कई जगहों पर ठंडी हवाएं लोगों की परेशानी बढ़ा सकती हैं।
12 जिलों में भारी बारिश की आशंका
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर सिस्टम इसका प्रमुख कारण है। इसके असर से जमशेदपुर, धनबाद, रांची, गिरिडीह, बोकारो, गोड्डा, देवघर, साहिबगंज, चाईबासा, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिम सिंहभूम में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लो-प्रेशर सिस्टम समुद्री नमी को तेजी से खींचता है, जिसके कारण राज्यभर में लगातार बादल छाए रहेंगे और बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
तापमान में गिरावट और ठंडी हवाओं का असर
लगातार हो रही बारिश की वजह से तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ठंड का शुरुआती संकेत है। सितंबर के अंत और अक्टूबर की शुरुआत में झारखंड में ऐसा मौसम अक्सर देखा जाता है, जब मानसून लौटने के साथ ठंडी हवाएं दस्तक देती हैं।
रांची और आसपास के जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। यह आम दिनों से कम है, जिससे सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है।
बंगाल की खाड़ी और झारखंड का रिश्ता
इतिहास बताता है कि बंगाल की खाड़ी में बनने वाले लो-प्रेशर सिस्टम का सीधा असर झारखंड पर पड़ता है।
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2008 में लो-प्रेशर की वजह से झारखंड के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने थे।
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2016 में रांची और धनबाद में लगातार बारिश से दुर्गा पूजा के आयोजन बाधित हुए थे।
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वहीं, 2021 में अक्टूबर की शुरुआत में बने लो-प्रेशर ने जमशेदपुर और कोल्हान क्षेत्र को भारी बारिश से प्रभावित किया था।
इस बार भी वही स्थिति दोहराने की आशंका है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी से उठे बादल राज्य के भीतरी इलाकों में जमकर बरस सकते हैं।
दुर्गा पूजा पर बारिश का साया
झारखंड में दुर्गा पूजा का खास महत्व है। रांची, जमशेदपुर और धनबाद जैसे शहरों में पंडालों में लाखों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन बारिश और खराब मौसम का असर पूजा पंडालों की तैयारियों और श्रद्धालुओं की भीड़ पर पड़ सकता है।
पंडाल आयोजकों ने चिंता जताई है कि लगातार बारिश से सजावट और लाइटिंग पर असर हो सकता है। वहीं, खुले मैदानों में बने अस्थायी पंडालों में पानी भरने का भी खतरा है।
प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने साफ कहा है कि अगले तीन दिनों तक लोग सतर्क रहें।
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खुले मैदान और ऊंचे स्थानों पर वज्रपात से बचें।
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जरूरत न होने पर यात्रा से बचें।
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ग्रामीण क्षेत्रों में नदी और तालाब के पास जाने से परहेज करें।
स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी किया है। खासकर सरायकेला-खरसावां और चाईबासा जैसे जिलों में प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
झारखंड का मौसम फिलहाल अप्रत्याशित और चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। जहां एक ओर बारिश से किसानों के खेतों में नई जान आ सकती है, वहीं दूसरी ओर त्योहारों की रौनक और लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ सकता है। बंगाल की खाड़ी से उठे इस लो-प्रेशर सिस्टम ने एक बार फिर साबित किया है कि प्रकृति के सामने इंसान की तैयारी अक्सर अधूरी पड़ जाती है।
अब देखना यह होगा कि 4 अक्टूबर तक मौसम कितना कहर ढाता है और लोग इस अप्रत्याशित बदलाव से किस तरह तालमेल बैठाते हैं।
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