Jharkhand Pension: झारखंड के बुजुर्गों को बड़ी सौगात, 11.80 लाख लोगों के खाते में जल्द आएंगे पैसे!

झारखंड के 11.80 लाख पेंशनधारियों को तीन महीने की पेंशन एक साथ मिलेगी! जानिए, किन योजनाओं के तहत यह राशि दी जा रही है और कब तक आएंगे पैसे।

Feb 13, 2025 - 09:32
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Jharkhand Pension: झारखंड के बुजुर्गों को बड़ी सौगात, 11.80 लाख लोगों के खाते में जल्द आएंगे पैसे!
Jharkhand Pension: झारखंड के बुजुर्गों को बड़ी सौगात, 11.80 लाख लोगों के खाते में जल्द आएंगे पैसे!

झारखंड के बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। लंबे इंतजार के बाद, 11.80 लाख लाभुकों को जल्द ही उनकी रुकी हुई पेंशन मिलने वाली है। सरकार ने घोषणा की है कि इन लाभार्थियों को एक साथ तीन महीने (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) की पेंशन राशि मिलेगी। यानी जो लोग महीनों से अपने खाते में पैसे आने का इंतजार कर रहे थे, उन्हें अब राहत मिलने वाली है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी देर क्यों हुई? और किस तरह की पेंशन योजनाओं के तहत लोगों को यह लाभ मिल रहा है? आइए जानते हैं पूरी कहानी—

इतनी देरी क्यों हुई पेंशन मिलने में?

झारखंड में पेंशन योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लाभुकों को सहायता राशि देती हैं। लेकिन इस बार, केंद्र सरकार से मिलने वाली हिस्सेदारी में देरी हो गई थी, जिसकी वजह से पेंशनधारियों को सितंबर के बाद से भुगतान नहीं हो पाया था।

अब केंद्र सरकार ने अपना हिस्सा जारी कर दिया है, जिससे पेंशन की राशि जल्द ही लाभुकों के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किन योजनाओं के तहत मिल रही है पेंशन?

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना
 इस योजना के तहत 9,02,998 बुजुर्गों को हर महीने ₹1000 मिलते हैं।
 इसमें केंद्र सरकार ₹200 और राज्य सरकार ₹800 का योगदान देती है।
80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ₹500 केंद्र और ₹500 राज्य सरकार देती है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
 इस योजना से 2,51,780 विधवाओं को लाभ मिलता है।
हर महीने ₹1000 पेंशन दी जाती है, जिसमें केंद्र सरकार ₹300 और राज्य सरकार ₹700 देती है।
 यह लाभ केवल बीपीएल कैटेगरी में आने वाली महिलाओं को मिलता है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना
 इस योजना से 25,413 दिव्यांगों को हर महीने ₹1000 की पेंशन मिलती है।
 इसमें केंद्र सरकार ₹300 और राज्य सरकार ₹700 का योगदान करती है।
 यह योजना 80% से अधिक दिव्यांगता वाले लोगों के लिए है।

झारखंड में सबसे ज्यादा लाभुक किस जिले में?

सबसे ज्यादा पेंशन पाने वाले लाभुक पलामू जिले में हैं, जहां कुल 88,577 लोग इस योजना से जुड़े हैं।

अन्य जिलों की बात करें तो—
धनबाद – 83,591 लाभुक
गिरिडीह – 79,943 लाभुक
गढ़वा – 74,532 लाभुक
रांची – 66,353 लाभुक

इतिहास से जानिए—झारखंड में पेंशन योजना कब शुरू हुई?

भारत में सामाजिक सुरक्षा की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, लेकिन झारखंड में राज्य सरकार द्वारा संचालित पेंशन योजनाएं 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद शुरू की गईं

वर्ष 2007 में केंद्र सरकार ने "इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना" को लागू किया, जिसके तहत वृद्ध, विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को पेंशन देने की शुरुआत हुई। झारखंड सरकार ने बाद में इसमें राज्य का योगदान जोड़कर राशि को बढ़ा दिया, जिससे लाभुकों को ₹1000 तक मिलने लगे।

लाभुकों को कब तक मिलेगी पेंशन?

सरकार के मुताबिक, फरवरी महीने के अंत तक या मार्च की शुरुआत में लाभुकों को तीन महीने की पेंशन एक साथ मिल जाएगी। पेंशन सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी

क्या आगे भी पेंशन मिलने में होगी देरी?

झारखंड सरकार का कहना है कि वह केंद्र को जल्द से जल्द अगली किश्त जारी करने के लिए अनुरोध कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी देरी ना हो।

आपको यह पेंशन कैसे मिलेगी?

अगर आप इस योजना के लाभुक हैं, तो अपनी पेंशन राशि चेक करने के लिए बैंक खाते की पासबुक अपडेट करवाएं।
अगर आपको अभी तक पेंशन नहीं मिली है, तो नजदीकी समाज कल्याण विभाग में संपर्क करें।
 पेंशन से जुड़ी सभी अपडेट के लिए झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

बुजुर्गों को राहत, लेकिन देरी चिंता का विषय!

झारखंड के बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए यह एक राहत भरी खबर जरूर है, लेकिन यह भी सच है कि अगर पेंशन समय पर नहीं मिलती है, तो इससे लाखों लोगों को परेशानी होती है

सरकार को इस प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत है ताकि पेंशनधारियों को समय पर उनका हक मिल सके

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।