Jharkhand Teachers News: पारा शिक्षकों के लिए बढ़ा हुआ मानदेय अटका, क्या बजट से मिलेगी राहत?
झारखंड के 58 हजार पारा शिक्षकों का बढ़ा हुआ मानदेय पांच महीने बाद भी अटका है। जानिए क्या है कारण, और क्या बजट 2025 से मिलेगी राहत?
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झारखंड के 58 हजार पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) को बड़ी उम्मीद थी कि उनका मानदेय सितंबर 2024 से बढ़ जाएगा, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी यह बढ़ोतरी अधर में लटकी हुई है। शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की धीमी प्रक्रिया ने शिक्षकों की निराशा बढ़ा दी है। हालांकि, बजट 2025 से शिक्षकों को अब भी उम्मीद है कि शायद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
इतिहास से वर्तमान तक का सफर
पारा शिक्षकों का सफर संघर्षों से भरा रहा है। झारखंड में 2002 में पारा शिक्षक योजना शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और सुदूर इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। शुरुआत में इन्हें बेहद कम मानदेय दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे शिक्षकों के संगठनों ने अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाया। 2024 में, तत्कालीन स्कूली शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम और पारा शिक्षक संगठनों के बीच बातचीत के बाद मानदेय में 1000 रुपये की बढ़ोतरी का वादा किया गया। इसके साथ ही शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने की सहमति बनी।
वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?
सितंबर 2024 से मानदेय में बढ़ोतरी लागू होनी थी, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई पहल नहीं हुई। राज्य सरकार पर हर महीने लगभग 5.80 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आता, जो पांच महीने का एरियर जोड़ने पर दिसंबर 2024 तक 23.20 करोड़ रुपये हो जाता। अफसरों की मानें तो मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह प्रावधान संभव नहीं लग रहा है।
ईपीएफ का लाभ शुरू, पर मानदेय क्यों रुका?
नवंबर 2024 से पारा शिक्षकों के मानदेय से ईपीएफ के लिए राशि कटनी शुरू हो गई है। राज्य सरकार भी इसमें अपना अंशदान दे रही है। लेकिन बढ़े हुए मानदेय का कोई अता-पता नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि यह वादा भी अन्य वादों की तरह केवल कागजों पर रह जाएगा, यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए।
पारा शिक्षकों की आर्थिक चुनौती
झारखंड के पारा शिक्षक बेहद कम मानदेय पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बढ़ोतरी की घोषणा ने इन्हें थोड़ी राहत दी थी, लेकिन बढ़ती महंगाई और देरी ने इन्हें आर्थिक तंगी में डाल दिया है। शिक्षक संगठन इस मुद्दे को लेकर सक्रिय नहीं दिख रहे, जिससे शिक्षकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
क्या बजट से आएगी राहत?
पारा शिक्षकों को अब उम्मीद है कि आगामी बजट 2025 में उनके लिए कुछ खास प्रावधान होंगे। सरकार को यह समझना होगा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों का सशक्तिकरण जरूरी है।
पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ोतरी का मामला झारखंड में सरकारी प्रक्रियाओं की धीमी गति को उजागर करता है। शिक्षकों के आर्थिक संघर्ष और सरकार के वादों के बीच, अब नजरें बजट 2025 पर टिकी हैं।
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