Jharkhand Murder Case: पत्नी के 20 टुकड़े करने वाला आरोपी, Supreme Court ने खारिज की जमानत याचिका!

झारखंड के साहिबगंज में रुबिका पहाड़िन हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुस्तकीम अंसारी की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। जानें, अदालत ने क्या टिप्पणी की और केस की अब तक की प्रगति।

Jan 24, 2025 - 13:51
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Jharkhand Murder Case: पत्नी के 20 टुकड़े करने वाला आरोपी, Supreme Court ने खारिज की जमानत याचिका!
Jharkhand Murder Case: पत्नी के 20 टुकड़े करने वाला आरोपी, Supreme Court ने खारिज की जमानत याचिका!

झारखंड के साहिबगंज जिले में दिसंबर 2023 में हुए चर्चित रुबिका पहाड़िन हत्याकांड ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। इस मामले में मुख्य आरोपी मुस्तकीम अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत के लिए गुहार लगाई थी, जिसे अदालत ने सख्ती से खारिज कर दिया।

गुरुवार को जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र की पीठ ने सुनवाई करते हुए आरोपी की याचिका खारिज कर दी। यह फैसला एक महत्वपूर्ण संकेत है कि न्यायपालिका गंभीर मामलों में सख्त रुख अपना रही है।

क्या था पूरा मामला?

साहिबगंज के बोरियो प्रखंड में रहने वाली रुबिका पहाड़िन का शव 20 दिसंबर 2023 को टुकड़ों में बरामद किया गया था। इस घटना ने पुलिस और जनता को हैरानी में डाल दिया था। शुरुआती जांच में ही इस हत्याकांड के पीछे घरेलू विवाद और पारिवारिक तनाव को कारण बताया गया।

पुलिस ने 14 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें रुबिका के पति दिलदार अंसारी, ससुर मुस्तकीम अंसारी और अन्य परिजन शामिल थे। जांच में यह भी पता चला कि रुबिका की शादीशुदा होने के बावजूद दिलदार से दूसरी शादी हुई थी, जिससे परिवार में काफी विवाद था।

Supreme Court का सख्त रुख

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान जमानत याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे गंभीर मामलों में आरोपी को जमानत देना न्याय के साथ समझौता होगा। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले सही थे।

केस की वर्तमान स्थिति और आगे की उम्मीदें

इस केस की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में जारी है। वहीं, स्थानीय पुलिस और प्रशासन इस घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं। राज्य सरकार ने भी यह आश्वासन दिया है कि पीड़िता को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

इतिहास के पन्नों में दर्ज मामला

झारखंड में इससे पहले भी कई चर्चित मामले हुए हैं, लेकिन यह घटना अपनी क्रूरता और जटिलता के कारण अलग है। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बना, बल्कि समाज में रिश्तों के बदलते स्वरूप और उनकी जटिलताओं की ओर भी इशारा करता है।

न्याय की उम्मीद बनी हुई है

इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह संदेश भी गया है कि कानून के हाथ लंबे हैं और न्याय अवश्य मिलेगा। जनता को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया जाएगा।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।