Ichak Theft: इचाक के बंशीधर मंदिर से चोरी हुई लड्डू गोपाल की मूर्ति बरामद, चोर ऐसे आया पकड़ में!
हजारीबाग के इचाक बाजार में स्थित बंशीधर मंदिर से चोरी हुई लड्डू गोपाल की मूर्ति पुलिस ने बरामद कर ली है। जानिए कैसे ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की सख्ती से चोर बेनकाब हुआ और मूर्ति वापस लाई गई।

हजारीबाग जिले के इचाक बाजार में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब प्रसिद्ध बंशीधर मंदिर से लड्डू गोपाल की मूर्ति चोरी हो गई। इस छोटे-से कस्बे में ऐसी घटना ने न सिर्फ धार्मिक आस्थाओं को झकझोर दिया, बल्कि एक बार फिर लोगों को सतर्क कर दिया कि अब मंदिर भी चोरों के निशाने पर हैं।
घटना मंगलवार की है, जब मंदिर के पुजारी सूरज तिवारी रोज़ की तरह सुबह पूजा करने पहुंचे, लेकिन जैसे ही उनकी नजर मंदिर की मुख्य मूर्ति की ओर गई, उनके होश उड़ गए।
लड्डू गोपाल की अनुपस्थिति ने मचाई सनसनी
बंशीधर मंदिर में लड्डू गोपाल की मूर्ति सिर्फ एक पत्थर का टुकड़ा नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास का केंद्र मानी जाती है।
जब पुजारी सूरज तिवारी ने देखा कि मूर्ति अपनी जगह पर नहीं है, तो उन्होंने तुरंत ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी।
सभी के मन में एक ही सवाल था – "कौन कर सकता है ऐसा दुस्साहस?"
ग्रामीणों की सतर्कता से पकड़ा गया आरोपी
जैसे ही चोरी की खबर फैली, ग्रामीणों ने खुद ही नजरें तेज कर दीं।
बुधवार को स्थानीय बाजार में एक व्यक्ति पर लोगों का शक गहराया, जिसने मंगलवार को मंदिर के पास मंडराते देखा गया था।
उसका नाम था सिकंदर साव, जो इचाक थाना क्षेत्र के गिरही गांव का रहने वाला है।
लोगों ने उसे रोका, पूछताछ की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया।
सख्ती से उगलवाया सच, मूर्ति भी मिली
इचाक थाना की पुलिस ने जैसे ही सिकंदर से पूछताछ शुरू की, उसने पहले टालमटोल किया लेकिन जब सख्ती बढ़ी तो उसने चोरी की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस ने जब उसके घर की तलाशी ली तो वहीं से लड्डू गोपाल की मूर्ति बरामद हो गई।
पूरे गांव में जैसे ही यह खबर फैली, लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई कि भगवान वापस लौट आए।
मूर्ति चोरी की घटनाओं का पुराना इतिहास
भारत में मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं कोई नई नहीं हैं।
इतिहास गवाह है कि कई बार तो यह मूर्तियां अंतरराष्ट्रीय तस्करों के हाथ लग जाती हैं और विदेशों में ऊंचे दामों पर बिकती हैं।
झारखंड, खासकर हजारीबाग क्षेत्र में पहले भी कई बार मंदिरों से मूर्तियों की चोरी हो चुकी है।
लेकिन इस बार स्थानीय जागरूकता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने मूर्ति को सही समय पर वापस ला दिया।
श्रद्धालुओं ने मनाया खुशी का उत्सव
मूर्ति के वापस मिलने की खबर मिलते ही मंदिर में विशेष आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।
लोगों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया, मिठाई बांटी और माना कि लड्डू गोपाल खुद अपने भक्तों के बीच लौट आए।
अब क्या होगा चोर के साथ?
सिकंदर साव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि उसके आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है और ये देखा जा रहा है कि कहीं वो किसी गिरोह से तो नहीं जुड़ा।
एक मूर्ति की चोरी ने इचाक में सिर्फ एक धार्मिक स्थल को नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की आस्था को हिला दिया।
लेकिन साथ ही इसने ये भी दिखाया कि जब जनता सजग हो और पुलिस सक्रिय, तो भगवान भी वापस आ जाते हैं।
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