Jharkhand Fraud Case: साइबर अपराधियों ने ग्रामीण को लगाया 18,500 रुपये का चूना!

झारखंड के गुमला में साइबर अपराधियों ने ग्रामीण से 18,500 रुपये की ठगी कर ली। जानिए कैसे हुई ये ठगी और बचाव के तरीके।

Jan 7, 2025 - 09:50
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Jharkhand Fraud Case: साइबर अपराधियों ने ग्रामीण को लगाया 18,500 रुपये का चूना!
Jharkhand Fraud Case: साइबर अपराधियों ने ग्रामीण को लगाया 18,500 रुपये का चूना!

गुमला: झारखंड के गुमला जिले में एक बार फिर साइबर अपराधियों ने अपनी चालाकी से एक ग्रामीण को ठगी का शिकार बना लिया। चाहा गांव के निवासी मनोज कुमार साहू से ठगों ने 18,500 रुपये उड़ा लिए। इस घटना के बाद मनोज ने सदर थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई और न्याय की गुहार लगाई है।

कैसे हुआ पूरा साइबर फ्रॉड?

6 जनवरी की सुबह 11 बजे मनोज कुमार के फोन पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को बैंक प्रतिनिधि बताते हुए एटीएम और बैंक खाता संबंधी जानकारी देने के बहाने एक लिंक भेजा। उसने मनोज से कहा कि लिंक पर क्लिक कर वे अपने खाते की पूरी जानकारी देख सकते हैं।

मनोज ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया और कुछ स्टेप्स फॉलो किए, वैसे ही उनके बैंक खाते से 18,500 रुपये कट गए। जब उन्होंने बैलेंस चेक किया तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने तुरंत गुमला सदर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

साइबर अपराधों का बढ़ता जाल

झारखंड में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां डिजिटल साक्षरता की कमी है, वहां अपराधी बड़ी आसानी से लोगों को शिकार बना रहे हैं।

झारखंड के जामताड़ा और देवघर जैसे जिले साइबर अपराध के लिए कुख्यात हैं। यहां के कई ठगों को देशभर में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में पकड़ा जा चुका है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लोगों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति और जागरूक करने की जरूरत है।

पुलिस ने क्या कहा?

गुमला पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही साइबर अपराधियों का पता लगाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि बैंक कभी भी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगता।

गुमला पुलिस की सलाह:

  • किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
  • फोन पर कभी बैंक डिटेल्स साझा न करें।
  • संदेह होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

कैसे बचें साइबर ठगी से?

  1. शिक्षा और जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
  2. दो-स्तरीय सुरक्षा: बैंकिंग ऐप्स और ऑनलाइन लेन-देन के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
  3. साइबर हेल्पलाइन: सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए।

झारखंड में साइबर अपराधों का इतिहास

झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता है। यहाँ से कई हाई-प्रोफाइल ठगी के मामले सामने आए हैं, जिन पर एक वेब सीरीज़ "जामताड़ा - सबका नंबर आएगा" भी बनाई गई थी।

ग्रामीणों को चेतावनी

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि साइबर अपराधी ग्रामीण इलाकों को आसानी से निशाना बना रहे हैं। जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें।

मनोज कुमार साहू का मामला यह दर्शाता है कि साइबर अपराध कितनी तेजी से फैल रहा है। हालांकि गुमला पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहना चाहिए। डिजिटल लेन-देन करते समय सतर्कता ही सुरक्षा है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।