Jagannathpur Election: दूसरी बार विधायक बनने की ओर सोनाराम सिंकू?
जगन्नाथपुर विधानसभा में कांग्रेस के सोनाराम सिंकू और भाजपा की गीता कोड़ा के बीच कड़ा मुकाबला। क्या जनता ने फिर से युवा नेता पर भरोसा जताया? जानिए जनता और युवाओं का रुझान।
17 नवम्बर, 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग समाप्त होने के बाद जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। इस सीट पर कांग्रेस के सोनाराम सिंकू और भाजपा की गीता कोड़ा के बीच कांटे की टक्कर हुई। अब हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि 23 नवंबर को जनता का फैसला किसके पक्ष में जाएगा।
युवाओं की पहली पसंद बने सोनाराम सिंकू
हमारे मीडिया सर्वे में जगन्नाथपुर के युवाओं ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकू को अपनी पहली पसंद बताया। युवाओं का कहना है कि सोनाराम सिंकू एक संघर्षशील नेता हैं, जिन्होंने क्षेत्र में विकास के कई कार्य किए हैं।
युवाओं ने यह भी कहा कि सिंकू के पिछले कार्यकाल में शिक्षा, रोजगार और आधारभूत संरचनाओं में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, "हमने इस बार भी सोनाराम पर विश्वास जताया है ताकि अधूरे विकास कार्य पूरे हो सकें।"
गीता कोड़ा से टक्कर, पर मजबूत स्थिति में सोनाराम
जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर 2000 से 2014 तक मधु कोड़ा और गीता कोड़ा का दबदबा रहा। दोनों ने यहां दो-दो बार जीत दर्ज की। लेकिन 2019 में सोनाराम सिंकू ने गीता कोड़ा को हराकर कांग्रेस के लिए यह सीट जीती।
इस बार भी गीता कोड़ा मैदान में हैं, लेकिन जनता और युवाओं के रुझान को देखकर सोनाराम सिंकू की स्थिति मजबूत लग रही है। कई लोगों ने कहा कि गीता कोड़ा के पिछले कार्यकाल में क्षेत्र के विकास को नजरअंदाज किया गया, जबकि सोनाराम ने योजनाओं को धरातल पर उतारने की पूरी कोशिश की।
कड़ी टक्कर, लेकिन बढ़त किसकी?
चुनाव के बाद की चर्चाओं से साफ है कि इस बार जगन्नाथपुर में मुकाबला बेहद रोमांचक है।
- सोनाराम सिंकू ने जहां अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों पर भरोसा जताया है, वहीं
- गीता कोड़ा अपने अनुभव और कोड़ा परिवार के मजबूत जनाधार के सहारे वापसी की उम्मीद कर रही हैं।
इतिहास और भविष्य का फैसला 23 नवंबर को
जगन्नाथपुर का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है।
- वर्ष 2000 से 2014 तक मधु और गीता कोड़ा ने यहां लगातार चार चुनाव जीते।
- 2019 में यह परंपरा टूटी, जब सोनाराम सिंकू ने कांग्रेस का परचम लहराया।
अब सवाल यह है कि क्या गीता कोड़ा इस इतिहास को पलट पाएंगी, या फिर सोनाराम सिंकू अपनी दूसरी पारी शुरू करेंगे?
EVM में कैद है जनता का फैसला
चुनाव आयोग के अनुसार, जगन्नाथपुर की किस्मत अब ईवीएम में बंद हो चुकी है। 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि जनता ने किसे अपना अगला विधायक चुना है।
फिलहाल, जगन्नाथपुर के राजनीतिक गलियारों में सोनाराम सिंकू की दूसरी ताजपोशी की चर्चाएं जोरों पर हैं।
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