विधायक सरयू राय ने पेयजल संकट पर दिया समाधान का सुझाव
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने विधानसभा में मोहरदा जलापूर्ति परियोजना की समस्याओं को उठाया और जल संकट का समाधान सुझाया।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शून्य काल के दौरान विधानसभा में मोहरदा जलापूर्ति परियोजना से पिछले 4 दिनों से जलापूर्ति ठप होने का गंभीर मुद्दा उठाया। सरयू राय ने कहा कि स्वर्णरेखा नदी का जल प्रदूषित होने के कारण मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटेक वेल में कूड़ा कचरा भर गया है। इस कारण नदी से पानी खींचना और उसे शुद्ध कर पीने योग्य बनाना संभव नहीं रह गया है। नतीजा यह है कि करीब 50 हजार की जनसंख्या को पिछले चार दिनों से पीने का पानी नहीं मिल रहा है।
सरयू राय का सुझाव:
सरयू राय ने बताया कि मोहरदा पेयजल परियोजना का निर्माण शुरुआती दौर में गलत तरीके से होने के कारण इंटेक वेल में हर साल बरसात के समय कूड़ा कचरा जमा हो जाता है। उन्होंने मांग की है कि जमशेदपुर के लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए जो जल चांडिल डैम से स्वर्णरेखा नदी में गिराया जाता है, वही जल चांडिल डैम से डिमना लेक में गिराया जाए और उसे पीने के लिए आपूर्ति किया जाए। नदी से खींचा जाने वाला पानी का उपयोग उद्योग चलाने में किया जाए।
समस्या का विस्तृत विश्लेषण:
सरयू राय ने विस्तार से बताया कि स्वर्णरेखा नदी का जल बरसात के मौसम में अत्यधिक प्रदूषित हो जाता है। इसका प्रभाव सीधे तौर पर मोहरदा जलापूर्ति परियोजना पर पड़ता है। इंटेक वेल में कूड़ा कचरा भर जाने के कारण पानी खींचने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे जलापूर्ति बाधित हो जाती है।
समाधान के सुझाव:
सरयू राय ने सुझाव दिया कि चांडिल डैम से जल को सीधे डिमना लेक में स्थानांतरित कर दिया जाए, ताकि पानी शुद्ध रहे और इसे पीने के लिए आपूर्ति किया जा सके। इससे स्वर्णरेखा नदी के प्रदूषण से बचा जा सकता है और जमशेदपुर के लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।
विधायक सरयू राय का यह सुझाव न केवल जल संकट को हल करने का एक संभावित समाधान है, बल्कि इससे उद्योगों को भी पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर राज्य सरकार और संबंधित विभागों को ध्यान देना आवश्यक है, ताकि जमशेदपुर के लोगों को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल मिल सके।
सरयू राय द्वारा उठाए गए इस मुद्दे से स्पष्ट होता है कि जमशेदपुर में जल संकट गंभीर है और इसके समाधान के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उनके द्वारा प्रस्तावित उपायों को लागू करने से जलापूर्ति में सुधार हो सकता है और नागरिकों को राहत मिल सकती है।