इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, हिंदू पक्ष को राहत!

क्या श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष को मिली राहत? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका क्यों खारिज की? जानिए पूरी खबर!

Aug 1, 2024 - 17:56
Aug 1, 2024 - 17:59
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, हिंदू पक्ष को राहत!
इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, हिंदू पक्ष को राहत!

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवाद में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हिंदू पक्ष को राहत देते हुए, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के मामले में, हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुकदमों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि मुकदमे विचारणीय हैं और हिंदू पक्ष की याचिका सुनने योग्य है।

न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने मुकदमों की विचारणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर अर्जी (ऑर्डर 7 नियम 11 सीपीसी के तहत) पर फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने वाद बिंदु तय करने के लिए 12 अगस्त की तारीख भी निर्धारित कर दी है।

हिंदू वादियों द्वारा दायर मुकदमों में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद को "हटाने" की मांग की गई है। याचिकाओं में दावा किया गया है कि औरंगजेब युग की मस्जिद मंदिर के विध्वंस के बाद बनाई गई थी। मस्जिद प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया कि ये मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत वर्जित हैं, जो देश की आजादी के दिनों में किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने पर रोक लगाता है।

ज्ञात हो कि अयोध्या विवाद की तर्ज पर मथुरा मामले में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट सीधे तौर पर मंदिर पक्ष की ओर से दाखिल 18 मुकदमों पर एकसाथ सुनवाई कर रहा है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने गत 31 मई को ही निर्णय सुरक्षित कर लिया था, लेकिन उसके बाद इंतिजामिया कमेटी की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा ने सुनवाई का मौका देने की मांग की थी, जिसके बाद दो दिन फिर सुनवाई हुई थी। बीते मई तक 30 कार्य दिवसों में इस प्रकरण में कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनी।

इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद, अब सभी की नजरें 12 अगस्त की तारीख पर टिकी हैं, जब वाद बिंदु तय किए जाएंगे और मामले की अगली सुनवाई होगी।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।