एक्सएलआरआई जमशेदपुर और झारखंड वन विभाग का दलमा वन्यजीव अभयारण्य के लिए क्षेत्रीय मास्टर प्लान: पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र के संरक्षण का संकल्प
एक्सएलआरआई जमशेदपुर और झारखंड वन विभाग ने दलमा वन्यजीव अभयारण्य के पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय मास्टर प्लान विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जानें इस महत्वपूर्ण परियोजना के उद्देश्यों और इसके लाभों के बारे में।
जमशेदपुर, झारखंड: एक्सएलआरआई जमशेदपुर और झारखंड वन विभाग ने दलमा वन्यजीव अभयारण्य के पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय मास्टर प्लान विकसित करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हस्ताक्षर समारोह वन विभाग के कार्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें दोनों संगठनों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
परियोजना का उद्देश्य
इस सहयोगात्मक प्रयास का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिक संरक्षण और स्थानीय विकास के लिए एक संतुलित योजना बनाना है। एक्सएलआरआई के फादर अरुप सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी इस दो वर्षीय परियोजना का नेतृत्व करेगा। परियोजना का उद्देश्य वन संरक्षण और मानव-पशु संघर्ष की चुनौतियों से निपटना है।
परियोजना का क्षेत्र
पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र 522.98 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें कई जिलों के 136 गांव शामिल हैं। यह पदनाम वन्यजीवन और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए अभयारण्य के भीतर वाणिज्यिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है।
योजना का दृष्टिकोण
एक्सएलआरआई इस परियोजना में हितधारक परामर्श और उन्नत डेटा विश्लेषण सहित एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाएगा। परियोजना के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर रघु राम टाटा ने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसी भविष्योन्मुखी योजना बनाना है जो स्थानीय हितधारकों की सामाजिक-आर्थिक आकांक्षाओं के साथ पारिस्थितिक सुरक्षा को संतुलित कर सके।”
कार्यप्रणाली
टीम व्यापक सर्वेक्षण करेगी और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी। पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र के भीतर गतिविधियों को निषिद्ध, अनुमत या विनियमित के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। एक्सएलआरआई पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
परियोजना का महत्व
यह परियोजना संरक्षित क्षेत्रों में सतत विकास के महत्व को रेखांकित करती है। परियोजना के माध्यम से न केवल दलमा वन्यजीव अभयारण्य के वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि स्थानीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।
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