Jamshedpur उपलब्धि: टाटा स्टील के वेयरहाउस को मिला IGBC का बड़ा सम्मान

जमशेदपुर के सेंट्रल वेयरहाउस को भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग मिली। जानें, कैसे यह पर्यावरण-अनुकूल विकास की मिसाल बन रहा है।

Nov 17, 2024 - 19:35
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Jamshedpur उपलब्धि: टाटा स्टील के वेयरहाउस को मिला IGBC का बड़ा सम्मान
Jamshedpur उपलब्धि: टाटा स्टील के वेयरहाउस को मिला IGBC का बड़ा सम्मान

जमशेदपुर,17 नवम्बर, 2024: जमशेदपुर ने सतत विकास की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। टाटा स्टील के सेंट्रल वेयरहाउस को 14 नवंबर 2024 को बेंगलुरु में आयोजित ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2024 में भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।

यह उपलब्धि न केवल जमशेदपुर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे भारत में पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

क्या है नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग?

नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग का मतलब है कि एक इमारत उतनी ही ऊर्जा का उत्पादन करती है, जितनी वह खपत करती है।

  • इस प्रक्रिया में सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता तकनीकों का प्रमुख योगदान होता है।
  • इस रेटिंग को प्राप्त करना टाटा स्टील के कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में किए गए प्रयासों को उजागर करता है।

सेंट्रल वेयरहाउस की विशेषताएं:

  • ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
  • सौर पैनलों के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन।
  • पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग।

आईजीबीसी के ऑडिट में उत्कृष्ट प्रदर्शन

आईजीबीसी ने सेंट्रल वेयरहाउस का गहन ऑडिट किया और इसकी ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता की सराहना की।

  • सेंट्रल वेयरहाउस ने ऊर्जा प्रबंधन में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
  • यह प्रमाणपत्र टाटा स्टील की ग्रीन इंडस्ट्री की पहल को और मजबूती प्रदान करता है।

पर्यावरण-अनुकूल संरचनाओं का इतिहास

पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं की शुरुआत 1990 के दशक में हुई, जब कंपनियां पर्यावरण पर अपने प्रभाव को कम करने के लिए ग्रीन बिल्डिंग तकनीकों को अपनाने लगीं।

  • भारत में आईजीबीसी ने 2001 में ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली शुरू की।
  • तब से, देशभर में कई कंपनियां सतत विकास के लिए ऊर्जा-कुशल संरचनाएं बना रही हैं।

सेंट्रल वेयरहाउस का योगदान:

  • इसने पर्यावरण-अनुकूल निर्माण और संचालन का एक नया मानक स्थापित किया है।
  • इसके प्रयास अन्य कंपनियों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में प्रेरित कर रहे हैं।

भारत के लिए एक प्रेरणा

सेंट्रल वेयरहाउस का नेट-जीरो एनर्जी स्टेटस न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।

  • यह प्रमाणित करता है कि औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ संभव है।
  • यह परियोजना अन्य कंपनियों को ग्रीन इंडस्ट्री पहल अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।

टाटा स्टील: सतत विकास में अग्रणी

टाटा स्टील ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को प्राथमिकता दी है।

  • कंपनी की ग्रीन बिल्डिंग पहल न केवल कार्बन फुटप्रिंट को कम करती है, बल्कि देश की पर्यावरणीय नीतियों को भी समर्थन देती है।
  • सेंट्रल वेयरहाउस को मिली यह रेटिंग टाटा स्टील की वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है।

जमशेदपुर का सेंट्रल वेयरहाउस अब पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं का प्रतीक बन गया है। यह उपलब्धि साबित करती है कि सतत विकास की राह पर चलकर भी औद्योगिक उत्पादन और ऊर्जा प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति इस प्रतिबद्धता ने न केवल जमशेदपुर को गौरवान्वित किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और स्वच्छ भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है।

अब सवाल यह है: क्या अन्य कंपनियां भी टाटा स्टील के इस प्रेरणादायक मॉडल को अपनाएंगी?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।