Jamshedpur उपलब्धि: टाटा स्टील के वेयरहाउस को मिला IGBC का बड़ा सम्मान
जमशेदपुर के सेंट्रल वेयरहाउस को भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग मिली। जानें, कैसे यह पर्यावरण-अनुकूल विकास की मिसाल बन रहा है।
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जमशेदपुर,17 नवम्बर, 2024: जमशेदपुर ने सतत विकास की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। टाटा स्टील के सेंट्रल वेयरहाउस को 14 नवंबर 2024 को बेंगलुरु में आयोजित ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2024 में भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।
यह उपलब्धि न केवल जमशेदपुर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे भारत में पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है।
नेट-जीरो एनर्जी रेटिंग का मतलब है कि एक इमारत उतनी ही ऊर्जा का उत्पादन करती है, जितनी वह खपत करती है।
सेंट्रल वेयरहाउस की विशेषताएं:
आईजीबीसी ने सेंट्रल वेयरहाउस का गहन ऑडिट किया और इसकी ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता की सराहना की।
पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं की शुरुआत 1990 के दशक में हुई, जब कंपनियां पर्यावरण पर अपने प्रभाव को कम करने के लिए ग्रीन बिल्डिंग तकनीकों को अपनाने लगीं।
सेंट्रल वेयरहाउस का योगदान:
सेंट्रल वेयरहाउस का नेट-जीरो एनर्जी स्टेटस न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।
टाटा स्टील ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को प्राथमिकता दी है।
जमशेदपुर का सेंट्रल वेयरहाउस अब पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संरचनाओं का प्रतीक बन गया है। यह उपलब्धि साबित करती है कि सतत विकास की राह पर चलकर भी औद्योगिक उत्पादन और ऊर्जा प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति इस प्रतिबद्धता ने न केवल जमशेदपुर को गौरवान्वित किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और स्वच्छ भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है।
अब सवाल यह है: क्या अन्य कंपनियां भी टाटा स्टील के इस प्रेरणादायक मॉडल को अपनाएंगी?
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भारतीय जनता पार्टी