Jamshedpur Traffic Chaos: साकची बाजार में फुटपाथ पर कब्जा, जाम और अपराध की बढ़ी समस्या

Jamshedpur का साकची बाजार अवैध अतिक्रमण और जाम की समस्या से जूझ रहा है। फुटपाथ पर कब्जे और बढ़ते अपराधों ने खरीददारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Dec 17, 2024 - 13:56
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Jamshedpur Traffic Chaos: साकची बाजार में फुटपाथ पर कब्जा, जाम और अपराध की बढ़ी समस्या
Jamshedpur Traffic Chaos: साकची बाजार में फुटपाथ पर कब्जा, जाम और अपराध की बढ़ी समस्या

झारखंड के जमशेदपुर का साकची बाजार राज्य का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त बाजार है। यहां करीब 3,580 दुकानें हैं और हर दिन 73,000 से अधिक लोग खरीदारी करने आते हैं। लेकिन यह बाजार आज जाम, अवैध अतिक्रमण और बढ़ते अपराधों की वजह से परेशानी का दूसरा नाम बन गया है।

साकची बाजार में समस्या का मुख्य कारण है फुटपाथ पर बढ़ते अवैध कब्जे। फुटपाथ पर दुकानें लगने से पैदल चलने तक की जगह नहीं बचती। इस वजह से बाजार में हर दिन जाम की स्थिति बनती है, जिससे न केवल स्थानीय लोग बल्कि बाहर से आए खरीददार भी परेशान हो जाते हैं।

फुटपाथ पर कब्जा: पुरानी समस्या, नई चुनौती

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी ने बताया कि जिला प्रशासन ने कई बार फुटपाथ पर दुकानें लगाने पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन कुछ समय बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है। बाजार की हर गली में फुटपाथ दुकानों ने कब्जा जमा रखा है, जिससे मार्ग संकीर्ण हो गया है और हर वक्त जाम की समस्या बनी रहती है।

इतना ही नहीं, साकची बाजार के प्रवेश मार्ग पर ऑटो चालकों और ठेला दुकानदारों ने भी कब्जा कर लिया है। इसका सीधा असर ट्रैफिक पर पड़ता है।

जाम और अपराध: बाजार की नई पहचान

बाजार में हर दिन जाम तो लगता ही है, साथ ही चोरी, पॉकेटमारी और चेन छिनतई की घटनाएं भी आम हो गई हैं। अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि इन घटनाओं की वजह से सभ्य परिवार बाजार में सामान खरीदने आने से कतराने लगे हैं। इसका सीधा असर स्थानीय दुकानदारों के व्यापार पर पड़ रहा है।

इतिहास में साकची बाजार को एक व्यवस्थित और सुरक्षित जगह के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब यह बाजार अराजकता और असुरक्षा का केंद्र बनता जा रहा है।

स्थानीय व्यापार पर संकट

साकची बाजार की समस्याओं का सबसे बड़ा असर यहां के स्थानीय व्यापारियों पर पड़ रहा है। ग्राहकों की घटती संख्या और बढ़ती समस्याओं ने दुकानदारों को चिंतित कर दिया है।

अग्रवाल ने जिला प्रशासन और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) से अवैध कब्जा हटाने और बाजार को व्यवस्थित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो स्थानीय व्यापारियों और सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में आंदोलन होगा।

इतिहास: साकची बाजार का सुनहरा अतीत

साकची बाजार की स्थापना जमशेदपुर के शुरुआती दिनों में की गई थी। यह बाजार जमशेदपुर के औद्योगिक विकास का हिस्सा बना और धीरे-धीरे झारखंड का सबसे प्रमुख बाजार बन गया। कभी यह बाजार अपनी सुव्यवस्था और आकर्षक दुकानों के लिए जाना जाता था। लेकिन समय के साथ, अतिक्रमण और अव्यवस्था ने इसकी चमक फीकी कर दी।

समाधान की ओर कदम

साकची बाजार की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन और व्यापारिक संगठनों को साथ आना होगा।

  • फुटपाथ से अवैध दुकानों को हटाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए प्रवेश और निकास मार्गों का प्रबंधन जरूरी है।
  • बाजार में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सकता है।
  • स्थायी दुकानदारों और फुटपाथ विक्रेताओं के लिए अलग-अलग जगहों का प्रावधान किया जा सकता है।

जाम और अपराध से मुक्ति कब?

साकची बाजार में बढ़ते अतिक्रमण, जाम और अपराधों ने इस ऐतिहासिक बाजार की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है। यह समय है कि प्रशासन और व्यापारी मिलकर ठोस कदम उठाएं, ताकि साकची बाजार अपनी पुरानी पहचान को वापस पा सके और खरीददारों के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक जगह बन सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।