अर्पण परिवार ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी दीपावली की खुशियां – बोड़ाम प्रखंड के 48 परिवारों को मिला उपहार

जमशेदपुर के अर्पण परिवार ने बोड़ाम प्रखंड के ब्रजपुर गांव के 48 ग्रामीण परिवारों में दीवाली की खुशियां बांटी। बच्चों को नए कपड़े, मिठाई और पटाखे देकर त्योहार का आनंद बढ़ाया। जानें इस पहल की खास बातें।

Oct 31, 2024 - 15:37
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अर्पण परिवार ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी दीपावली की खुशियां – बोड़ाम प्रखंड के 48 परिवारों को मिला उपहार
अर्पण परिवार ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी दीपावली की खुशियां – बोड़ाम प्रखंड के 48 परिवारों को मिला उपहार

जमशेदपुर के 'अर्पण' परिवार ने इस दीपावली को बोड़ाम प्रखंड के ब्रजपुर गांव के ग्रामीण परिवारों के साथ बांटकर उनकी खुशियों में शामिल होकर एक अनूठा उदाहरण पेश किया। हर वर्ष की तरह इस बार भी अर्पण परिवार ने दूरस्थ क्षेत्रों के जरूरतमंद परिवारों के लिए त्योहार की खुशियां लेकर आने का जिम्मा उठाया। गांव के 48 परिवारों को विशेष उपहार और पूजन सामग्री के साथ-साथ त्योहार से जुड़ी तमाम आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गईं, ताकि वे भी इस खास मौके को पूरी तरह महसूस कर सकें।

अर्पण परिवार की इस पहल के अंतर्गत विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए नए कपड़े, गर्म वस्त्र, पटाखे, मिठाई और अन्य प्रकार के उपहारों का वितरण किया गया। इस कदम का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण परिवारों में त्योहार का उजास फैलाना था जो आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और जिनके लिए सामान्यतः त्योहार का आनंद लेना एक सपना सा होता है।

संस्था के जूगुन पांडे, महेश मिश्रा, प्रिंस सिंह, बिभाष मजुमदार, दीपक सिंह और मनीष सिंह सहित अन्य सदस्यों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। इन सभी का उद्देश्य यही था कि ब्रजपुर के लोग भी दीवाली का उत्साह महसूस करें और उनके चेहरों पर मुस्कान लाई जा सके।

अर्पण परिवार के एक प्रमुख सदस्य ने बताया, “त्योहार का असली आनंद तब होता है, जब हम इसे सभी के साथ बांटें। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे भी इस दिन को उल्लास के साथ मना सकें।”

दीपावली पर खुशियां फैलाने के इस कदम ने ग्रामीण परिवारों के साथ-साथ पूरे इलाके में उत्साह और उल्लास का माहौल बना दिया है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।