Delhi Scandal: हाईकोर्ट जज के घर में जले नोटों का राज, जांच से उठे नए सवाल!
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा के आवास से मिले जले हुए नोटों के रहस्य से उठा नया पर्दा! क्या किसी घोटाले को छिपाने की कोशिश थी? सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, CBI जांच की मांग।

नई दिल्ली, 25 मार्च 2025 – दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से मिले जले हुए नोटों के वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद यह मामला और भी रहस्यमय होता जा रहा है। अब इस मामले में सफाईकर्मियों के चौंकाने वाले बयान सामने आए हैं, जिन्होंने खुलासा किया कि चार-पांच दिन पहले 500-500 रुपए के अधजले नोट सड़क पर बिखरे मिले थे।
क्या छिपाने की कोशिश थी?
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के सफाईकर्मी इंद्रजीत और सुरेंद्र ने दावा किया है कि होली के बाद से ही इलाके में जले हुए नोटों के टुकड़े पड़े थे। इन सफाईकर्मियों के मुताबिक, जब वे इलाके की सफाई कर रहे थे, तब उन्होंने सड़क पर गिरे 500-500 के अधजले नोट देखे थे। यह रहस्यमय खुलासा कई सवाल खड़े करता है—क्या किसी ने जानबूझकर इन नोटों को जलाया? क्या ये काला धन था, जिसे नष्ट किया जा रहा था?
होली के दिन लगी थी रहस्यमयी आग!
बता दें कि 14 मार्च को होली के दिन जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में अचानक आग लग गई थी। जब दमकल विभाग की टीम आग बुझाने पहुंची, तो उन्हें स्टोर रूम में बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले। यह खुलासा होते ही मामला सुर्खियों में आ गया और अब इसमें सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की पैनी नजर है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, अब CBI जांच की मांग!
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट और वीडियो सार्वजनिक कर दिए हैं। इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि पिछले छह महीने में जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात सभी सुरक्षा अधिकारियों, कर्मचारियों और गार्ड्स की जानकारी जुटाई जाए।
इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जस्टिस वर्मा के आधिकारिक और निजी मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकाली जाए। सवाल यह है कि अगर सबकुछ सही था, तो आखिर इन नोटों को जलाने की जरूरत क्यों पड़ी?
बीजेपी नेता बोले- जस्टिस वर्मा दें इस्तीफा!
बीजेपी नेता और मशहूर वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि "मामले को पारदर्शी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सही कदम उठाया है, लेकिन जस्टिस वर्मा को खुद अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।"
बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील नलिन कोहली ने कहा कि "अगर जस्टिस वर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें किसी भी विशेष सुविधा का लाभ नहीं मिलना चाहिए। भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"
CBI और ED से जांच की मांग, उठे बड़े सवाल!
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने इस मामले की CBI या ED से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि "जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जा सकता है, तो जस्टिस वर्मा को क्यों नहीं?" सवाल यह है कि क्या इस मामले में किसी बड़े घोटाले की परतें खुलने वाली हैं?
हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक हलचल!
यह मामला अब सिर्फ दिल्ली हाईकोर्ट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पूरे देश में इस पर चर्चा हो रही है। क्या यह किसी बड़े घोटाले की शुरुआत है? क्या आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आएंगे? अब सबकी नजर इस जांच पर टिकी है कि जले हुए नोटों के पीछे की असली सच्चाई क्या है?
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