Sarailkela Accident: ट्रेलर की भीषण भिड़ंत, पुल से नीचे गिरा वाहन, चालक की दर्दनाक मौत
सरायकेला के मुरुमडीह पुल पर ट्रेलरों की भीषण टक्कर, एक वाहन पुल से नीचे गिरा, चालक की मौके पर ही मौत, खलासी गंभीर रूप से घायल। सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल।

सरायकेला, 25 मार्च 2025 – सरायकेला जिले के राजनगर थाना अंतर्गत मुरुमडीह पुल पर सोमवार तड़के एक खौफनाक हादसा हुआ, जिसने वहां मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया। तेज रफ्तार में जा रहे दो ट्रेलरों की आपस में जोरदार भिड़ंत हो गई, जिससे एक ट्रेलर पुल के नीचे गिर गया और दूसरे का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस भयंकर टक्कर में एक चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खलासी गंभीर रूप से घायल हो गया।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रामगढ़ से बड़बिल की ओर जा रहे दो ट्रेलर एक ही दिशा में थे। अचानक पीछे वाले ट्रेलर ने सामने चल रहे ट्रेलर को जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि अगला ट्रेलर पुल से नीचे जा गिरा, जबकि दूसरा ट्रेलर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में पिछले ट्रेलर का चालक बुरी तरह फंस गया, जिसे निकालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया गया, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चालक की मौत, खलासी घायल
मृतक चालक की पहचान छोटू लाल प्रसाद (निवासी: नवादा, बिहार) के रूप में हुई है। वहीं, खलासी पिंटू कुमार (निवासी: गया, बिहार) को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने मृतक के परिवार को सूचित कर दिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
आधे घंटे तक जाम, लोगों में दहशत
हादसे के बाद करीब आधे घंटे तक सड़क पर जाम लग गया। राहगीर और स्थानीय लोग इस भीषण दुर्घटना को देखकर सहम गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह ट्रैफिक को सुचारू किया और क्षतिग्रस्त ट्रेलरों को सड़क से हटाया।
नहीं थम रहे ट्रक-ट्रेलर हादसे!
बिहार-झारखंड हाईवे पर ट्रकों और ट्रेलरों की दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। बीते तीन महीनों में इस क्षेत्र में 10 से ज्यादा बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ओवरस्पीडिंग, लापरवाही से वाहन चलाना और ट्रक चालकों की नींद पूरी न होना, इन दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं।
हाईवे पर मौत का सफर कब थमेगा?
यह सड़क हादसा एक बार फिर हाईवे पर सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलता है। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि बेगुनाह लोगों की जान न जाए। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक हाईवे पर मौत का सफर यूं ही जारी रहेगा?
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